इसलिये एक फटाफट वाली पोस्ट प्रस्तुत करता छुट्टी पाता हूं – अंग्रेजी से कबाड़ी हुई पोस्ट है यह.
ये फोटो में सज्जन हैं दर्रेन रोव्स. ये प्रोब्लॉगर डाट नेट नामक ब्लॉग लिखते हैं. उसमें हैं ब्लॉगरी की टिप्स. इन सज्जन की फोटो पर क्लिक कर आप लिंक की गयी पोस्ट पर जायें. उसमें ब्लॉग लिखने की 10 टिप्स हैं. अब अंग्रेज बता रहा है तो अच्छी टिप्स ही होंगी. आप क्लिक न करना चाहें तो मैं वो 10 टिप्स नीचे लिख दे रहा हूं:
- कम शब्दों में ब्लॉग में अपना मंतव्य स्पष्ट करें.
- अपनी पोस्ट में समान विषयक वेब पन्नों को “दारुजोषित की नाईं” लिंक करें. (उनके शब्द हैं – लिंक लाइक क्रेजी. जिसके लिये मैने अपनी पिछ्ली पोस्ट में लिखा है – लिंक लाइक मैड!)
- कम से कम लिखें.
- 250 शब्द काफी हैं ( यह मुझे बहुत पसन्द आता है. उससे ज्यादा अपनी क्षमता ही नहीं है!)
- हेडलाइन स्नैपी – यानी सजीव बनायें.
- बुलेट प्वाइंट का प्रयोग करें – चिठ्ठा खर्रे वाला न हो; पचाने योग्य फार्मेट में हो.
- वाक्य छोटे, पैराग्राफ कम और सब हैडिंग युक्त हों.
- अपने स्टाइल में निरंतरता बनाये रखें.
- सर्च के लिये पोस्ट में की-शब्दों को छितराये रखें.
- पब्लिश बटन दबाने से पहले आप पोस्ट का सम्पादन अवश्य करें.
बाकी, अंग्रेजी में पढ़ना हो तो फोटो पर क्लिक करें.
पिछली टिप्पणी मे भाषा को भाशा लिख गया था। पाण्डेय जी अगर समय मिले तो सही करके ये टिप्पणी उड़ा दीजिएगा।
LikeLike
ज्ञान तो अच्छा है। लेकिन भाई, ये ज्ञान, भाशा, देश, संस्कृति, विचारधारा और पाठकों के रुझान के अनुसार बदलते रहते है। अंग्रेज हर बात सही कहें कोई जरुरी तो नही, उसके हिसाब से जो उसको सही लगा उसने कहा। हम उससे काम की चीज उठाएं, बाकी अपना जोड़े। आखिर हम हिन्दुस्तानी, बिना मसाला लगाए मानेंगे थोड़े ही।लिखे रहो बिन्दास।
LikeLike
Baai ham to vikaas jI se sahamat hai २५० शब्द तो हम क्या लिख रहे है बताने मे लग जाते हैया पहले इसका भी कोई क्रैश कोर्स आलोक्जी और आप मिल कर करादे(आलोक जी आजकल क्रैश कोर्स ही करारहे है)
LikeLike
अंग्रेजों के ज्ञान पर हमरा ता भरोसा ना है। तनिक खालिश हिंदी लागी बात कीजियेगा तब मानेंगे। ससुरा…२५० शब्द मे अंग्रेजों का ज्ञान खतम हो सके है….हिंदी वाला ज्ञान त असीमित ना है जी…? २५००००० शब्द हियां कम पड़ जाते हैं।
LikeLike
अच्छी जानकारी है।
LikeLike
अंग्रेजी की तरह अंग्रेज का दिया ज्ञान भी अधिकृत माना जाना चाहिए. यह बात और है की अपना चिट्ठा हमेंशा से इन्ही नियमो का पालन करता रहा है.
LikeLike
अच्छा ज्ञान बांटा ज्ञान जी.. लगे रहिये ऎसे ही कबाड़ने में…
LikeLike
समीर उवाच: यही समस्या हमारे भाई फुरसतिया जी के साथ भी आयेगी. :)फुरसतिया जी और उनकी जमात के लिख्खाड़ चिठेरे इस पोस्ट को ओवर लुक करें. उनके लिये नियम कानून अलग हैं! उनके लिये किसी और अंग्रेज की पोस्ट फिर कभी कबाड़ूंगा.
LikeLike
लेखक की बात सही है लेकिन आपकी बात कि पठनीयता होगी तो लोग पढ़ेंगे ज्यादा सही है।
LikeLike
ज्ञान तो अच्छा है- 250 शब्द काफी हैं- क्या सिर्फ भूमिका लिख कर छोड़ दें…हा हा..यही समस्या हमारे भाई फुरसतिया जी के साथ भी आयेगी. :)–वैसे सभी सलाह उत्तम है.
LikeLike