रोज दस से ज्यादा ब्लॉग-पोस्ट पढ़ना हानिकारक है

स्टेटेस्टिकली अगर आप 10 ब्लॉग पोस्ट पढ़ते हैं तो उसमें से 6.23 पोस्ट सिनिकल और आत्मकेन्द्रित होंगी. रेण्डम सैम्पल सर्वे के अनुसार 62.3% पोस्ट जो फीरोमोन स्रवित करती हैं, उनसे मानसिक कैमिकल बैलेंस में सामान्य थ्रेशहोल्ड से ज्यादा हानिकारक परिवर्तन होते हैं. इन परिवर्तनो से व्यक्ति में अपने प्रति शंका, चिड़चिड़ापन, लोगों-समाज-देश-व्यवस्था-विश्व के प्रति सब निस्सार है जैसे भाव बढ़ने लगते हैं. अगर यह कार्य (यानि अन-मोडरेटेड ब्लॉग पठन) सतत जारी रहता है तो सुधार की सीमा के परे तक स्वास्थ बिगड़ सकता है. मानव उत्तरोत्तर होने वाले तकनीकी विकास की यह कीमत अदा करने लगा है.

न्यूरो-साइकॉलॉजिकल स्टडीज अभी तक अंतिम निर्णय पर नहीं पंहुच सकी हैं, पर डा. जैफ एलीबियॉन के अनुसार उस कैमिकल स्ट्रेण्ड (जिसे उन्होने ब्लोजिनोलोक्स कहा है) की पहचान कर ली है. उनका कहना है कि ब्लोजिनोलोक्स स्ट्रेण्ड साउथ एशियन देशों में जहां अब ब्लॉग लिखने-पढ़ने का चलन बढ़ रहा है, बड़ी तेजी से म्यूटेट होते पाये गये हैं. उनके अनुसार यह बड़ी चिंता का विषय है.

डा. एलीबियॉन के अनुसार लोगों को प्रतिदिन ब्लॉग पोस्ट पढ़ने का कोटा कम कर 10 से नीचे कर देना चाहिये. ब्लॉग पोस्ट के चयन में भी अगर लोग सावधानी बरतें और जाने-पहचाने ब्लॉगों पर ज्यादा जायें और सर्च इंजन से अथवा वैसे भी रेण्डम चयन की गयी पोस्ट पढ़ने के नशे से बचें तो ब्लोजिनोलोक्स के स्ट्रेण्ड्स बढ़ने में चेक लग सकता है.

फुट नोट : ब्लोजिनोलोक्स और डा. जैफ एलीबियॉन के बारे में मै हाइपर लिंक मिस कर रहा हूं. शायद यह था. पर यह ठीक काम नहीं दे रहा. आप सर्च इंजन से खोजने का कष्ट करें और पता चलने पर मुझे भी बताने का कष्ट करें 🙂

Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring village life. Past - managed train operations of IRlys in various senior posts. Spent idle time at River Ganges. Now reverse migrated to a village Vikrampur (Katka), Bhadohi, UP. Blog: https://gyandutt.com/ Facebook, Instagram and Twitter IDs: gyandutt Facebook Page: gyanfb

12 thoughts on “रोज दस से ज्यादा ब्लॉग-पोस्ट पढ़ना हानिकारक है

  1. कई चिट्ठाकार तो एक ही दिन में दस पोस्ट ले आते हैं, वो लिस्ट में अटक गये तो हम तो एक ही ब्लॉग के होकर रह जायेंगे. बहुत सजगता से लिस्ट बनानी पडेगी. १० वैसे तो बहुत कम है, जब तक की हमारे फुरसतिया जी टाईप साईज के दो तीन उसमें न हों. :)आपने बहुत गंभीर चर्चा की, इसलिये आपको लिस्ट में रख लिया है दस वालों की. बधाईयाँ लिस्ट में स्थान पाने के लिये. 🙂

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  2. मतलब भाई लोग हमारे जैसे का चिटठा तो अब कउनो पढी नही पायेगा तब का मतलब रेरियाने का और खुश होने का कि फलां नें हमें टिपियाया है तो हमारा ब्‍लाग भी पढा है सोंच कर। अब तो आप लोग बिना पढे ही चिटठे के नीचे लगे रवि भाई के दिये झुनझुना को एक दो दबाई दोगे और हम खुशफहमी में रहेंगे । अरे हां असन में तो धांसू शीर्षक कहूं से चुराये पडी ।

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