सम्बन्धों के नये वैश्विक समीकरण


फलाने जी का लड़का अमेरिका से आ रहा है. वह एक मलेशियायी लड़की से शादी कर रहा है. लड़की भी साथ आ रही है. यहां लखनऊ में उसके सरोगेट (surrogate) मां-पिताजी का इंतजाम किया गया है. कन्यादान सहित सभी वैवाहिक रस्में की जायेंगी. हफ्ते भर बाद लड़का और उसकी मलेशियायी पत्नी वापस लौट जायेंगे.सब ऐसे सरल लग रहा है जैसे मलेशिया, मधेशिया (शिवालिक और गांगेय क्षेत्र के बीच तराई का गोरखपुर-पडरौना के आस-पास का क्षेत्र) हो!

हुत सुन्दर! एक पीढ़ी पहले तमिल लड़का असमिया लड़की (या उलट) से शादी करता था; तब परिवार में भयंकर तनाव होता था. यह तो तब भी दूर की बात थी. एक ही शहर के कायस्थ लड़के की ब्राह्मण लड़की (या उलट) से शादी होती थी तो वर्षों टीका टिप्पणी होती थी. कई परिवार टूट जाते थे. आस-पास नजर मार लें कई लोग इस प्रकार के सम्बन्धों के कारण हुये तनाव के गवाह या भुक्त-भोगी मिल जायेंगे.

समय कितना और कितनी तेजी से बदलता है.

मैं यह कल्पना नहीं कर रहा कि अगले 20-25 वर्षॉं में बहुत जबरदस्त प्रकार से देशों-जातियों का एक दूसरे में मिलन होगा. पर ये देश-धर्म-जाति के बन्धन ढीले अवश्य होंगे. और सम्बन्धों के नये वैश्विक समीकरण उभरेंगे. उभर रहे हैं.


अपसारी (divergent) टिप्पणी – आपके पास बीएसएनएल ब्रॉडबैण्ड कनेक्शन हो तो आपने इस पेज पर Check Download Speed से ब्रॉडबैण्ड स्पीड देखी होगी. सामान्यत: 300 केबीपीएस से 1.6 एमबीपीएस के बीच आती है. कभी-कभी बीएसएनएल ब्रॉडबैण्ड डाउन भी रहता है. बात 10 एमबीपीएस कनेक्शन की है! जो स्पीड मिल रही है वह डायलप कनेक्शन से कहीं बेहतर है; पर दुनियां के अन्य देशों से बहुत पीछे है. हम इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेण्ट के नाम पर सड़क-बिजली-पानी की बात करते हैं; कभी उन्नत इण्टरनेट कनेक्शन को इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेण्ट से नहीं जोड़ते!

उदाहरण के लिये उत्तर-मध्य रेलवे का मेरा कार्यालय सूबेदारगंज में अपनी स्वयम की इमारत में शिफ्ट हो रहा है. सारी मीटिंग इन विषयों पर होती हैं कि वहां के लिये सड़क, बस, कैण्टीन, फोन, एम्ब्युलेंस, दफतर में पर्याप्त स्थान आदि उपलब्ध हैं या नहीं. पर एक अच्छे इण्टरनेट कनेक्शन की चर्चा कम ही होती है!


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring village life. Past - managed train operations of IRlys in various senior posts. Spent idle time at River Ganges. Now reverse migrated to a village Vikrampur (Katka), Bhadohi, UP. Blog: https://gyandutt.com/ Facebook, Instagram and Twitter IDs: gyandutt Facebook Page: gyanfb

7 thoughts on “सम्बन्धों के नये वैश्विक समीकरण

  1. यह सब मानसिक सीमाओं का खेल है. एक मित्र आए. कहने लगे की पिताजी बहिन की शादी इन्टर कास्ट करने को तैयार नहीं हो रहे हैं. इन्टर कास्ट का मतलब लड़का कायस्थ तो है पर श्रीवास्तव नहीं है.बताइए यह भी कोई बात हुई. दुनिया कहाँ से कहाँ पंहुच गई है और हम लोग अभी जात पात में ही उलझे हुए हैं. मैंने पूंछा की तुम्हारी बेटी की शादी भी १५-२० साल बाद होगी. अगर वोह किसी मुस्लिम से शादी करने को कहे तो क्या तैयार हो जाओगे. नाराज़ हो गए. बोले क्या मज़ाक करते हो. ऐसा भी कभी हो सकता है. मैंने कहा की जैसे आपको यह बुरा लगा वैसे ही आपके पिताजी को भी नागवार गुज़रा होगा.सारा खेल मन की सीमाओं का है. थोड़ा ख़ुद बनती बिगड़ती रहती हैं, थोड़ा वक्त तोड़ मरोड़ देता है.संजय कुमार, इलाहबाद

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  2. अभय भाई मधेशिया क्षत्रियों राजपूतों की एक बड़ी शानदार इकाई है। इस से जुड़े कुछ राजपूत भाई मेरे भी सहपाठी रहे हैं।ज्ञान भाई किरपा करिए कुछ ज्ञान हमें भी दीजिए जैसे आप जैसा सहज-सरल लिख पाऊँ।

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  3. आज आपने मधेशिया का राज़ खोल दिया.. मेरा एक मित्र है.. जब हॉस्टल में साथ थे तो उसे भी नहीं पता था कि क्या है.. सब उसे मध्येशिया बुलाते थे.. बाकी सही देख रहे हैं बदलाव को..

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  4. भारत एक साथ कई युगों में है जी। आप देखें, किसानों के हल की डिजाइन लगभग वैसी ही है, जैसी मुगलकालीन तस्वीरों में मिलती है। इधर आपका कंप्यूटर विंडोज 98 से हटकर अब विस्टा के लपेटे में है। इधर दिल्ली से सौ किलोमीटर दूर के इलाकों में पंचायतें प्रेमी जोड़ों को जिस अंदाज में मारती हैं, वैसा अंदाज मौर्यकालीन है या गुलामवंश कालीन, पता नहीं। पर महानगर तो कुछ-कुछ मलेशियाई हो रहे रहे हैं,या अमेरिकन भी हो रहे हैं। सरजी अपनी थ्योरी यह है कि मुल्क का करीब पांच प्रतिशत -अमेरिका सा है। करीब बीस प्रतिशत मलेशिया टाइप मंझोले लेवल का विकसित हैबाकी 75 प्रतिशत युगांडा, सोमालिया जैसा कुछ है।

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  5. अमेरिकी मलेशियायी गठबंधन के साथ-साथ अपने यहां अभी भी विजातीय शादियों पर फ़ांसियां हो जाती हैं, गरदनें कट जाती हैं। सगोत्रीय पति-पत्नी भाई-बहन में बदल दिये जाते हैं। जमाना बदल रहा है , रेंज बढ़ रही है। सब माल है अपने यहां! आपको जौन सा पसंद हो, क्षमता के हिसाब से ले लें। इंटरनेट के बारे में अभी दफ़्तरों में कूपमंडूकता है। समय लगेगा कुआं पटते-पटते। 🙂

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  6. जैसे मलेशिया, मधेशिया हो! बहुत सुन्दर!–इसे सामान्य ही मानें क्यूँकि इस समय तो यह भी गुजरे जमाने की बात है…सच में समय तेजी से बदल रहा है. हम आप अगर पेस नहीं रख पाये तो हमारी गल्ती है समय की नहीं.

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