स्वास्थ्य समस्याओं में मक्का (मकई) से निदान


55 यह श्री पंकज अवधिया, वनस्पति और कृषि शास्त्री की बुधवासरीय अतिथि पोस्ट है। आज वे सामान्य तौर पर सुलभता से पायी जाने वाली वनस्पति – मक्का के स्वास्थ्य सम्बन्धी प्रयोगों पर चर्चा कर रहे हैं। मेरे ब्लॉग पर उनके पिछले लेख आप पंकज अवधिया लेबल पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं।

आप उनका हिन्दी में लेखन उनके ब्लॉग मेरी कविता और हमारा पारम्परिक चिकित्सकीय ज्ञान पर पढ़ भी पढ़ सकते हैं। दूसरे ब्लॉग पर तो आपको विभिन्न चिकित्सकीय विषयों पर उनके लेखों के ढ़ेरों लिंक मिलेंगे।   


प्रश्न: मै अमेरिका मे रहता हूँ और यहाँ आपकी पोस्ट पर बतायी वनस्पतियाँ नही मिलती हैं। मै शराब पीने का आदी हूँ और लीवर व फेफडे की समस्याओ के अलावा पाइल्स और दूसरी समस्याएं भी है। कुछ उपयोगी जानकारी यदि आपके पास हो तो बतायें।

उत्तर: चूँकि मैने भारतीय वनस्पतियो पर शोध किया है अत: इन्ही से सम्बन्धित जानकारियाँ ही आपको दे सकता हूँ। मै साधारण प्रयोगों पर लिखना पसन्द करता हूँ। जटिल रोगों के लिये आप विशेषज्ञ से परामर्श ले तो अच्छा होगा। कुछ वर्षो पहले एक विदेशी वनस्पति विशेषज्ञ से मक्के के विषय मे रोचक जानकारियाँ प्राप्त हुई थी। मक्का तो आपके देश मे आसानी से मिलता है। अत: आप चाहें तो इस ज्ञान का लाभ उठा सकते है।corn_on_the_cob

जैसे श्वांस सम्बन्धी रोगो के लिये हम केले की पत्तियो की राख का प्रयोग करते है वैसे ही मक्के का प्रयोग होता है। इसके काँब (भुट्टे) के बीच के भाग को जलाकर राख एकत्र कर ली जाती है। फिर इस राख मे काला नमक मिलाकर चाटा जाता है। इससे खाँसी विशेषकर कुक्कुर खाँसी मे बड़ी राहत मिलती है। हमारे देश मे केला की पत्तियो की राख का प्रयोग इस तरह से होता है।

मक्के के छोटे पौधे को एकत्रकर इसे पानी मे उबालकर काढ़ा तैयार कर लिया जाता है। फिर इस काढ़े को टब मे भरकर उसमे बैठने से बवासिर (पाइल्स) के दर्द में लाभ पहुँचता है। इसका अधिक समय तक प्रयोग बवासिर को ठीक भी करता है।

corn_on_the_cob_1 मक्के के बाल (सिल्क) का उपयोग पथरी रोगों की चिकित्सा मे होता है। पथरी से बचाव के लिये रात भर सिल्क को पानी मे भिगोकर सुबह सिल्क हटाकर पानी पीने से लाभ होता है। पथरी के उपचार मे सिल्क को पानी में उबालकर बनाये गये काढ़े का प्रयोग होता है।

जैसा आपने बताया कि आपको लीवर से सम्बन्धित समस्या है। यदि आप गेहूँ के आटे का उपयोग करते हैं तो उसके स्थान पर मक्के के आटे का प्रयोग करें। यह लीवर के लिये अधिक लाभकारी है।

भारत मे शहरों मे जैविक खेती से तैयार मक्का नही मिलती है पर इन प्रयोगों के लिये आप जैविक मक्के का प्रयोग करें तो अधिक लाभ होगा।

उन विदेशी विशेषज्ञ नें यह भी बताया कि किसी बडे फोड़े को बिठाने के लिये मक्के की जड़ के पास से एकत्र की गयी मिट्टी का प्रयोग किया जाता है। हमारे देश मे पीपल के पास से एकत्र की गयी मिट्टी का इस तरह बाहरी प्रयोग होता है।

इस उत्तर को पढ़ रहे पाठक अब जब भी भुने हुये भुट्टे खायें तो पहले दानो को खाकर बचे हिस्से को फेकें नही बल्कि उसे बीच से दो टुकडो मे तोड़ लें और फिर अंदर वाले भाग को सूंघे। विदेशी विशेषज्ञ के अनुसार इससे दाने जल्दी से पच जाते हैं। फिर उन टुकडो को जलाकर राख जमा कर लें और आवश्यकतानुसार श्वांस रोगों मे प्रयोग करें।

वनस्पतियो से सम्बन्धित तरह-तरह के सरल प्रयोग मुझे अचरज मे डाल देते हैं। मै गौरवांवित महसूस करता हूँ मानव के अपार ज्ञान के विषय मे जानकर। आप क्या कहते हैं?

पंकज अवधिया

© लेख पंकज अवधिया के स्वत्वाधिकार में। चित्र wpclipart से लिये गये हैं।


Tata car बिजनेस वीक के इस लेख और उसमें छपे इस चित्र का अवलोकन करें। यह सज्जन शीघ्र ही कार में अपग्रेड करेंगे अपनी मोटर साइकल को! »

लेख में कहा गया है कि टाटा मोटर्स एक नयी डिस्ट्रीब्यूशन स्ट्रेटेजी से कार की कीमत कम करेगी। कम्पनी डीलरों को किट सप्लाई करेगी और असेम्बली डीलरों के स्तर पर होने से कीमत कम होगी। अर्थात टाटा की कार फेक्टरी में नहीं, वर्कशॉपों में बनेगी। है न नया फण्डा!   


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring village life. Past - managed train operations of IRlys in various senior posts. Spent idle time at River Ganges. Now reverse migrated to a village Vikrampur (Katka), Bhadohi, UP. Blog: https://gyandutt.com/ Facebook, Instagram and Twitter IDs: gyandutt Facebook Page: gyanfb

4 thoughts on “स्वास्थ्य समस्याओं में मक्का (मकई) से निदान

  1. Liver के लिए मकोय के पत्तों की सब्जी खाने से चमत्कारिक लाभ होता है।

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  2. अवधिया जी बड़ा शानदार काम कर रहे हैं। जो विद्या दादी-नानी के साथ गायब हो जा रही है, उसे नए शोध के साथ पेश कर रहे हैं। हिंदी समाज उनके योगदान को याद रखेगा।

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  3. कार में क्या अपग्रेड करेंगे ये मोटरसाइकिल वाले सज्जन, ये तो मेटाडोर में आलरेडी ही अपग्रेड कर चुके हैं जी। ये इंडिया है जी. टाटा की कार चलेगी।टाटा मोटर्स खरीद लीजिये जी। मौज रहेगी। बजाज आटो भी खरीद लीजिये। अवधियाजी की जड़ी बूटियां मिलती नहीं ना हैं, आसपास। इसका क्या जुगाड़ करें।

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