कुछ और विश्वनाथ, और आप मानो तर गये!


Vishwanath_with_his_Reva_2 एक ब्लॉगर का स्वप्न हैं विश्वनाथ जी जैसे पाठक। आप आधा दर्जन गोपालकृष्ण विश्वनाथ को पसन्द आ जायें तो आपकी जिन्दगी बन गयी! हम उनकी राह में ताकते हैं जो प्योर पाठक हैं। प्रबुद्ध पाठक। वे आपके लेखन का मानदण्ड भी स्थापित करते हैं। आप जबरी अण्ट-शण्ट नहीं ठेल सकते। आप टिम्बकटू के उलूलुलू नामक राष्ट्रीय पक्षी (यह क्या है?) पर धारावाहिक पोस्टें नहीं लिख सकते। ये सज्जन आपको पूरी गम्भीरता से पढ़ते हैं। और आपके लेखन में छिद्र अगर हों तो आपको धोने में कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे। वे आपके साथ इमोशनली जुड़े हैं। और आपको लण्ठई नहीं करने देंगे।

कल एक सज्जन मेरी पोस्ट पर आये – राजेश बाजपेयी। पता नहीं वे मुझे कितना जानते हैं। मैं तो उन्हे न जान पाया – उनका ब्लॉगर आई.ड़ी. किसी प्रोफाइल को इंगित नहीं करता। उन्होंने टिप्पणी में कहा –

…तो आप लिखते रहिये, हम क्रिटिक तो हैं नही बस इत्ता कह सकते हैं की आपका लिखा, पढ़ना अच्छा लगता है।
राजेश बाजपेयी

उन्होंने नाम लिखा है तो मैं मान कर चलता हूं कि वे राजेश बाजपेयी ही होंगे। मैं चाह रहा हूं कि उनका ई-मेल, फोटोग्राफ और कुछ लेखन मिल पाता जिसे मैं गर्व से प्रदर्शित कर पाता – कि यह हैं मेरे एक पाठक। और यदा-कदा वे अतिथि पोस्ट का कण्ट्रीब्यूशन करने लगें तो क्या कहने?!

यह समझ में आता गया है – हम यहां ब्लॉगिंग में अन्ना कारनीना या नदी के द्वीप नहीं रच रहे। और वह रच पाने का भ्रम भी नहीं है। लेकिन ब्लॉग के माध्यम से जो सोशल केमिस्ट्री के अणुओं का उद्घाटन/उत्तरोत्तर विस्तार और लिंकेज का हम जबरदस्त प्रकटन देख रहे हैं – वह किसी प्रकार से यूरेका से कम नहीं है।

जी हां, मेरे अन्य कुछ गोपालकृष्ण विश्वनाथ कहां हैं? मैं पूरी ईमानदारी से उन्हें पुकार रहा हूं।

(और सभी ब्लॉगर भी पुकारते होंगे। मेरी पुकार के स्टाइल में लोगों को शायद खुरदरापन लगे।smile_regular)    


Advertisement

Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring village life. Past - managed train operations of IRlys in various senior posts. Spent idle time at River Ganges. Now reverse migrated to a village Vikrampur (Katka), Bhadohi, UP. Blog: https://gyandutt.com/ Facebook, Instagram and Twitter IDs: gyandutt Facebook Page: gyanfb

24 thoughts on “कुछ और विश्वनाथ, और आप मानो तर गये!

  1. Var de vina vadani var de, vishvnath jaise pathko se humara blog bhar dehar post ke chapte hi woh aayen, apni tipanniyon se har post ko safal kar deJai Ho, Lekin kamaal hai Khurduri bhi post hoti hai?

    Like

  2. आलोक पुराणिक जी की ई-मेलिया टिप्पणी -सच्ची में ब्लाग जगत को एक नहीं अनेक विश्वनाथ जी चाहिए और उड़नतश्तरीजी भी है।उड़नतश्तरीजी ने जिस तरह से हौसलाअफजाई करके ब्लागिंग के शैशव काल को पोषित किया है, वह इतिहास में लिखे जाने योग्य है।

    Like

आपकी टिप्पणी के लिये खांचा:

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Twitter picture

You are commenting using your Twitter account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s

%d bloggers like this: