टिर्री


अलीगढ़ में पदस्थ श्री डी. मिंज, हमारे मण्डल यातायात प्रबन्धक महोदय ने टिर्री नामक वाहन के कुछ चित्र भेजे हैं। यह टीवीएस मॉपेड (पुराने मॉडल) का प्रयोग कर बनाया गया सवारी वाहन है। इसमें छ सवारियां बैठ सकती हैं।

श्री मिंज ने बताया है कि यह जुगाड़ू वाहन अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों ने बनाया है।

बड़ी काम की चीज लगती है यह टिर्री! आप नीचे यह चित्र और फिर श्री मिंज के भेजे सभी आठ चित्रों का स्लाइड-शो देखें।

Tirri1

http://show.zoho.com/embed?USER=gyandutt&DOC=Tirri1&IFRAME=yes&loop=true&showrel=true

भारतीय जुगाड़ू-अभियांत्रिकी (टिर्रीन्जिनियरिंग – Tirringeering?!) को नमन! यह टिर्री कोई प्रोटोटाइप चीज नहीं, जो मात्र नुमाइशी प्रदर्शन के लिये हो। यह बड़े स्तर पर लोकल सवारियां ढोने के काम आ रही है।


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring village life. Past - managed train operations of IRlys in various senior posts. Spent idle time at River Ganges. Now reverse migrated to a village Vikrampur (Katka), Bhadohi, UP. Blog: https://gyandutt.com/ Facebook, Instagram and Twitter IDs: gyandutt Facebook Page: gyanfb

38 thoughts on “टिर्री

  1. दिल्ली में भी कई माल ढुलाई वाले रिक्शों में स्कूटर का इंजन व मोटर साईकिल के पहिये लगाकर चलाते अक्सर दिख जाते है |जय हो जुगाड़ की !

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  2. I wonder how and did AMU present this as unique product. Some other commentators also mentioned that this is definitely not a unique experiment. Thanks for the picture though.

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  3. बढ़िया है वैसे जब ये वाहन चल रहे हैं तो इनका वीमा , लाइसेंस वगैरह भी होना चाहिए न इस तरह छोटा – मोटा प्रयोग करने वालों का भी उत्साह बढेगा

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  4. बहुत ही अच्छा लगा देखकर….भारत में न तो प्रतिभा की कमी है न ही जुगाडू दिमाग की.कमी है तो बस सरकारी प्रोत्साहन और मदद की,जिसके अभाव में ऐसे उत्पादों को विस्तृत बाज़ार नहीं मिल पाता..

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  5. मैने यहाँ इलाहाबाद में किसी को बुलेट मोटरसाइकिल से बने ऐसे ही जुगाड़ू वाहन को चलाते देखा था। फोटू खींच लिया होता तो एक उम्दा पोस्ट बन गयी होती जैसे यह पोस्ट शानदार बन पड़ी है। आपकी दृष्टि के क्या कहने…!

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