यात्रा पर होने के कारण कमजोर नेट कनेक्शन के चलते मैं लोगों की पोस्टें पढ़ भर पाया हूं। गूगल रीडर में डाउनलोड कर ऑफलाइन पढ़ी हैं। बहुत सी मदर्स डे पर हैं।
मदर्स डे पर आज कहने के लिये मेरे पास भी है। यह है मेरी बिटिया वाणी पाण्डेय की अपने इकलौते १२ घण्टे के हो चुके बालक के साथ तस्वीर: यह पोस्ट करते समय बालक साढ़े तीन दिन का हो चुका है और रोने-मुस्कराने के सिवाय कोई शब्द बोल नहीं पाया है अब तक। कितना अच्छा होता कि कॉमिक बुक्स में वर्णित कोई मैजिक पेय होता जो पिलाने पर दन्न से बालक को बड़ा और विद्वान बना सकता!
सबसे मगन मेरा दामाद विवेक है। हमेशा कंधों पर दुनिया भर का भार लिये रहता है, पर इस समय उसके मुंह पर स्माइलिंग फेस है!
वैसे बालक के साथ इण्टेंसिव केयर में आठ-दस नवजात और हैं। एक को तो इस चक्कर में भर्ती कराया गया है कि उसके परिवार में पैदा होते ही बकरी का दूध पिलाने की परम्परा है। उसके चलते बेचारा शिशु मरते मरते बचा!
खैर लेट पोस्ट, दुरुस्त पोस्ट!
(बोकारो से पोस्ट की गयी)
बधाई।
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बधाई ! बधाई !! बधाई !!!
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आपको नाना और आपकी सुपुत्री वाणी जी को माँ बनने की बहुत बधाई।बाकी हम तो सोचते यही हैं कि एक ही दिन क्यों मदर्स डे हो! 🙂
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ज्ञान जी नाना बनने की आप को और रीटा जी को ढेर सारी बधाई, नयी नवेली माता(वाणी) और मुस्कुराते पिता(विवेक) को ढेर सारी शुभकामनाएं
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ज्ञान जी, आपको नाना बन्ने की हर्दिक बधाई.अनूप जी ने आपकी पिछली पोस्ट में बताया है की वो कुछ दिन में फिर से इलाहबाद पधार रहे है आपसे निवेदन है की अगर आपकी मुलाकात व्यक्तिगत न हो और ब्लॉग्गिंग के बारे में विचार विमर्श हो तो उस मीटिंग में मुझे भी सम्मिलित करने की कृपा करियेगा आपका वीनस केसरी
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बहुत बहुत बधाईयाँ आप के घर में सभी को.ढेर सारी शुभकामनायें और आशीष आप के नन्हे नाती के लिए.
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