
गंगा किनारे एक बड़े पीपल के पेड़ से adequate social distancing पर है यह। बड़ा होकर शायद कोरोना युग की याद करे। क्या पता लोग श्राद्ध के घण्ट भी बांधने लगें इसपर। या कोई साधू इसकी छाया में कुटिया बनाए!
जो होगा, देखने के लिए अभी तुम चलोगे जीडी! 😁
मैं, ज्ञानदत्त पाण्डेय, गाँव विक्रमपुर, जिला भदोही, उत्तरप्रदेश (भारत) में रह कर ग्रामीण जीवन जानने का प्रयास कर रहा हूँ। मुख्य परिचालन प्रबंधक पद से रिटायर रेलवे अफसर; पर ट्रेन के सैलून को छोड़ गांव की पगडंडी पर साइकिल से चलने में कठिनाई नहीं हुई। 😊
गंगा किनारे एक बड़े पीपल के पेड़ से adequate social distancing पर है यह। बड़ा होकर शायद कोरोना युग की याद करे। क्या पता लोग श्राद्ध के घण्ट भी बांधने लगें इसपर। या कोई साधू इसकी छाया में कुटिया बनाए!
जो होगा, देखने के लिए अभी तुम चलोगे जीडी! 😁