सवेरे साढ़े साथ बजे तूफानी की दुकान के सामने साइकिल खड़े देखता हूं। उसमें डबलरोटी, रस्क, टॉफी, लेमनचूस जैसी चीजों का एक बैग करीयर पर और दो थैले हेण्डल पर लटके रहते हैं। जरूर रोज कोई सामान सप्लाई करने वाला आता होगा। उस आदमी को देखा नहीं था। कल उससे मुलाकात हो ही गयी।
सड़क के किनारे एक समोसा-जलेबी वाले की दुकान के सामने वह आ कर खड़ा हुआ। उस समय मैं समोसा बनाने – बेचने का अर्थशास्त्र समझ रहा था दुकान पर बैठी (लगभग) वृद्ध महिला से। उस महिला के स्थान पर इस साइकिल वाले सज्जन ने उत्तर देना प्रारम्भ कर दिया –

“आमदनी क्या होगी इस जलेबी समोसे से। यह कोई बीच बाजार की दुकान थोड़े ही है कि बीस तीस किलो जलेबी और दो चार सौ समोसे बिकते हों। यह गांव देहात की दुकान है। मुश्किल से आसपास के ग्राहक मिलते हैं। दो तीन किलो जलेबी बिक जाये तो बहुत होगा। क्या आमदनी है। पेट है तो दुकान खोल रखी है इन्होने। वर्ना इससे कोई घर चल सके? कत्तई नहीं!”
“मेरा ही देख लीजिये। साइकिल पर सात बजे सवेरे निकलता हूं महराजगंज बाजार से। अपनी दुकान से साइकिल पर सामान उठाता हूं। राह के छोटे बड़े सभी दुकानदारों को सप्लाई करता हूं। विक्रमपुर-मेदिनीपुर-कोलाहलपुर-इटवा-भीटी के रास्ते चलता हुआ दस बजे जा कर वापस अपनी दुकान पर बैठ जाता हूं। मुश्किल से डेढ़-दो हजार का समान डेढ़-दो परसेण्ट के मार्जिन पर बेच पाता हूं। तीन घण्टे की इस मेहनत से क्या मिलता है? बस, और कुछ करने को नहीं है, इसलिये यह कर रहा हूं।”
“इस इलाके में ज्यादातर लोग ऐसे ही काम कर रहे हैं। और कुछ करने को नहीं है; इस लिये जो मिल रहा है, किये जा रहे हैं।”

साइकिल वाले व्यक्ति ने अपना नाम बताया विनीत जायसवाल। उनके बोलने के तरीके से यह लग रहा था कि उनको बिजनेस करने की समझ है। इस अनुसार यह भी मुझे लगा कि वे अपनी आमदनी अण्डरप्ले कर बता रहे हैं। उनके अनुसार तीन घण्टे की फेरी से उन्हे करीब तीन सौ रुपये रोज मिलते हैं। मैं उससे दुगना – छ सौ मान कर चलता हूं। अर्थात महीने में फेरी बिजनेस से पंद्रह हजार की आमदनी। उसके बाद महराजगंज में दुकान पर बैठक। … बहुत अच्छा नहीं है, पर बहुत बुरा भी नहीं है यह काम। आखिर गांवदेहात का इलाका है। लोगों के खर्चे भी कम हैं और अपने को सम्पन्न दिखाने की जरूरतें भी कम हैं।
अगर आदमी अपनी जरूरतें कम रखे और नशापत्ती पर अपव्यय न करे तो पंद्रह हजार की आमदनी, बिना घर के किराये के, खराब नहीं है। पर यह अगर बहुत बड़ा अगर है! 😆