बैजनाथ धाम की ओर प्रेमसागर

ज्योतिर्लिंग यात्रा के किलोमीटर की गणना करना मैंने बहुत पहले छोड़ दी थी। पहले मोटे अनुमान के अनुसार करीब दस हजार किलोमीटर बनते थे। अब उस यात्रा का अंतिम भाग बचा है। अंतिम सौ किलोमीटर या उससे कम। तेरह जुलाई को प्रेमसागर ने सुल्तानगंज से गंगाजल उठा लिया है। उन्होने बताया कि अब उनके पास कांवर नहीं है। कांधे पर पिठ्ठू की तरह जल ले कर चल रहे हैं।

मुझे लगता था कि यात्रा के अंतिम चरण में उनके साथ कई लोग होंगे। शायद मीडिया वाले भी लगे हों। पर प्रेमसागर ने बताया कि वैसा नहीं है। कुछ लोग साथ आना चाहते थे, पर उनके अनुसार “अधिकतर अकेले चलना ही अच्छा लगता है”। वैसे यात्रा के भिन्न भिन्न चरणों में प्रेमसागर के साथ कभी बहुत लोग रहे। कभी लोगों की भीड़ ने भाव दे कर उन्हें लुभाया-भरमाया भी। पर कभी कभी यह पदयात्री एकाकी भी रहा। आजकल अंतिम चरण में साथ में किसी के साथ न होने पर मुझे लगता है कि प्रेमसागर को ठीक से समझा नहीं मैंने। और अब ज्यादा समझने को समय भी नहीं है। यात्रा की समाप्ति पर वे अपने पाले में जायेंगे और मैं अपने पाले में रहूंगा।

सुल्तानगंज में गंगातट पर प्रेमसागर

सुल्तानगंज के गंगा तट के चित्र में दिखता है कि गंगाजी में जलराशि खूब है। कांवर यात्रियों की सुविधा के लिये किनारे बालू की बोरियां बिछा कर और बांस-बल्ली लगा कर घाट व्यवस्था मुकम्मल की गयी है। प्रेमसागर ने सुल्तानगंज में गंगातट पर खड़े हुये का अपना चित्र भी भेजा है। सिर मुंड़ा है और दाढ़ी-मूछ भी सफाचट है। बाल न होने पर बाबा होने वाला भाव नहीं है चित्र में।


मार्ग में दुकानदार सावन के मेले के लिये अपनी दुकानें लगाने में व्यस्त दिखे। मार्ग पर बालू बिछा दिया गया है। उसपर पानी नहीं डाला गया। बालू गर्म हो जाने से चलने में दिक्कत हो रही है। मौसम भी गर्म और उमस वाला है।


सुल्तानगंज से देवघर की यात्रा के इस भाग में प्रेमसागर ने अपना लाइव लोकेशन दो दिन शेयर किया। पर मुझे लगा कि चलने की रफ्तार बहुत धीमी है। उन्होने बताया कि पूरे मार्ग पर प्रशासन ने इस साल बालू बिछा दी है। उसके ठण्डा होने पर पैरों को कष्ट कम होता होगा। शायद छाले न पड़ते हों। पर अभी तो बालू बहुत गरम हो जा रही है। चलना कठिन हो रहा है। सावन के पहले दिन से शायद बालू पर पानी का छिड़काव प्रारम्भ किया जायेगा।

“मेन बात है भईया कि गर्मी बहुत है और बारिश भी नहीं हो रही है।” – प्रेमसागर ने रफ्तार कम होने का कारण बताया। बारह-तेरह जुलाई को वे करीब तीस किलोमीटर की दूरी तय कर पाये।

रास्ते में, बकौल प्रेमसागर जगह जगह धर्मशालायें हैं। मार्ग में कुछ साल पहले लगाये गये पेड़ अब बड़े हो गये हैं और छाया देने लगे हैं। एक बच्चे का चित्र भी प्रेमसागर ने भेजा। नाम लिखा है – आनंद कुमार। वह छठी कक्षा में पढ़ता है। एक किलोमीटर के इलाके में दौड़ दौड़ कर कांवरियों को जल पिलाता है। “कभी कभी बम लोगों की सेवा में अति उत्साह के कारण स्कूल छूट भी जाता है”। आनंद कुमार जैसे कई उत्साही बालक-नौजवान अपना योगदान देते हैं कांवर यात्रा में।

कांवर यात्रा मार्ग में जाने लगे हैं कांवर यात्री। सावन लगने के एक दिन पहले।

सावन की प्रतीक्षा में रास्ते में मेला की तैयारी कर रहे हैं दुकानदार। एक दिन में ही भीड़ बढ़ जायेगी। बाबा धाम में जल चढ़ाने वालों का रेला लग जायेगा।

सुल्तानगंज-देवघर का कुल पैदल रास्ता 100 किमी का है। जो लाइव लोकेशन प्रेमसागर ने शेयर किया, उसके अनुसार रात में वे कुस्मार में रुके। लोगों ने धर्मशाला में नहीं रुकने दिया। अपने घर ले गये। अभी 70 किमी की दूरी तय करनी है। सम्भवत: कल उनकी यात्रा – वृहत द्वादश ज्योतिर्लिंग कांवर पदयात्रा – सम्पन्न हो। उसकी प्रतीक्षा रहेगी।

कुस्मार में प्रेमसागर को लोगों ने धर्मशाला में नहीं रुकने दिया। घर में रुकाया।

Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring village life. Past - managed train operations of IRlys in various senior posts. Spent idle time at River Ganges. Now reverse migrated to a village Vikrampur (Katka), Bhadohi, UP. Blog: https://gyandutt.com/ Facebook, Instagram and Twitter IDs: gyandutt Facebook Page: gyanfb

One thought on “बैजनाथ धाम की ओर प्रेमसागर

  1. शेखर व्यास फेसबुक पेज पर –
    🙏🏻दो बातें इस लेखन में महत्वपूर्ण है : पहली कि ….समझा नही…..।
    जब ईश्वर किसी को किसी की सहायतार्थ (किसी भी प्रकार से) नियुक्त करे और वो अधबीच में छोड़ दे …तो समझना चाहिए कि सहायता करने से मन में जो अभिभावकत्व या वरिष्ठता भाव उत्पन्न हुआ ईश्वर उसे खत्म करना चाहते हैं ।
    और फिर आप वहीं जुड़ जाएं तो यह कि परमात्मा चाहते हैं यह प्रेम भाव बना रहे ।

    दूसरा यह कि प्रेम जी के चेहरे पर एक अद्भुत वात्सल्य या शांति सा दिख रहा है जो लगता है इस पद यात्रा साधना से उत्पन्न हुआ है ।
    आगे हरि करे सो खरी 🙏🏻

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