मूरत यादव, भैंस का दूध और अमूल

पहले पहल मूरत यादव मिले थे तो कहा था – गाय का दूध लिया करें, भैंस के दूध से बुद्धि मोटी हो जाती है। वे खुद डेयरी सेण्टर पर अपनी भैंसों का दूध ले कर आते हैं। उनकी उम्दा क्वालिटी के दूध के कारण दाम अच्छे मिलते हैं उन्हें। हम लोग लगभग एक ही समय पंहुचते हैं तो बहुधा उनका ही दूध मेरे लिये उपलब्ध होता है। वे ग्वाला हैं, डेयरी के पटेल जी आढ़तिया और मैं उपभोक्ता।

आज यह बात चलने पर कि मुझे अधिकांशत: उनका ही दूध मिलता है, मंगत यादव का कहना बदल गया – “तभी आपका चेहरा लाइट मारने लगा है!”

उनकी बात मानी जाये तो (क) भैंस के दूध से बुद्धि मोटी हो जाती है (उनका पुराना कथ्य) और (ख) चेहरा लाइट मारने लगता है (आज का कथ्य)!

मैं उनसे पूछता हूं – पहले क्या मेरा चेहरा बुझा बुझा रहता था क्या?

“अब कुछ फरक तो पड़ा है। पहले कहां से दूध लेते थे?” – मूरत यादव जी का काउण्टर प्रश्न था।

“पहले अमूल का लिया करता था।”

“इहै तो गलत करत रहे। अमूल का तो कभी न लेना चाहिये। वह तो खूब घोल-घाल कर दूध में से ताकत खींच लेता है। बचा दूध जो देता है, उसमें कौन सेहत बनेगी?” – मूरत जी ने वह ज्ञान मुझे दिया जो अमूमन गांवदेहात में चल जाता है। ऐसा तर्क किसी जमाने में समाजवादी नेता मनीराम बागड़ी ने हरियाणे की जनता को दिया था। उन्होने कहा था कि भाखड़ा-नंगल से जो पानी नहरों में आ रहा है, सरकार उससे बिजली बना कर सारी ताकत तो चूस लेती है। उस पानी से फसल में कोई जान ही नहीं रहेगी!

मजेदार रहता है सवेरे सवेरे मूरत यादव जी और उन जैसे लोगों से मिलना, बोलना, बतियाना। पास में विकास चौबे खड़े थे। वे चकापुर से अपनी गायों का दूध सेण्टर पर लाते हैं। मैंने अपना मोबाइल विकास को थमाया और कहा कि मूरत यादव जी के साथ मेरी एक फोटो खींच दें। मैं भी तो देखूं कि सही में मेरे चेहरे में लाइट बढ़ गयी है क्या?

मूरत यादव जी के साथ मैं।

आप भी देखिये। क्या मेरे चेहरें में नूर बढ़ा नजर आता है?! 😆

गांवदेहात की सवेरे की गपशप। कोई सैद्धांतिक चर्चा नहीं। यह भी नहीं कि कोई अपने स्टैण्ड पर लम्बे अर्से तक कायम रहेगा। बस हंसी ठिठोली हुई, जय राम जी की हुई, मिले और चले हल्की-फुल्की बात कर। बाकी; आप वहां अद्वैत-वेदांत की चर्चा का ध्येय लिये थोड़े ही जाते हैं। आप वहां अन-वाइण्डिंग के लिये ही जाते हैं! 🙂


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Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring village life. Past - managed train operations of IRlys in various senior posts. Spent idle time at River Ganges. Now reverse migrated to a village Vikrampur (Katka), Bhadohi, UP. Blog: https://gyandutt.com/ Facebook, Instagram and Twitter IDs: gyandutt Facebook Page: gyanfb

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