राजबली से मुलाकात


राजबली दसवीं आगे नहीं पढ़े। उसके बाद ममहर बाजार में किराने की दुकान खोली। पर उनके बब्बा को यह पसंद नहीं था कि घर से दूर राजबली पुश्तैनी धंधे से अलग काम करें।

प्रसन्नता की तलाश – गंगा, गांव की सैर


सवेरे अपने वाहन चालक को सात बजे बुला, उसके साथ एक कप चाय पीने के बाद हम दोनों ने घर से निकल कर गांव की छोटी सड़कों पर यूंही घूमने की सोची। करीब एक घण्टा इस प्रकार व्यतीत करने का कार्यक्रम रखा।

बेल पके से चिरई के का लाभ?


चिन्ना और उसके माता पिता चिड़िया हैं। बेल गांव है। बेल में बहुत गुण हैं। मीठा है, शीतलता है। स्वास्थ्य के लिये आयुर्वेद बहुत कुछ बताता है बेल में। पर चिड़िया को बेल से क्या लाभ?

महेंद्र दुबे जी और मल्टी लेवल मार्केटिंग


महेंद्र जी द्वारा पूरी गम्भीरता से एक नये फील्ड से जुड़ना और उसके विषय में प्रभावी सम्प्रेषण करना, एक अच्छा अनुभव था मेरे लिये। मैं एमएलएल व्यवसाय की उपयुक्तता से सहमत हूं या नहीं, वह अलग मुद्दा है। पर महेंद्र जी की कुछ नया करने की जीवंतता बहुत प्रभावित कर गयी।

अरे वह क्रियेटिव – फन ही नहीं, देने की प्रसन्नता की आदत विकसित करना भी था।


आनंद को केंद्र में रख कर अपनी आदतें ढालने की एक सयास कोशिश की जा रही है। विचार यह है कि हम उसे पैसा खर्च कर, सामान खरीद कर, मार्केटिंग कर या इधर उधर की बतकही/परनिंदा कर नहीं, विशुद्ध प्रसन्नता की आदतें विकसित करने से करेंगे।

मिशन मचिया पीछा नहीं छोड़ रहा :-)


मिशन मचिया पीछा नहीं छोड़ रहा। पर यह भी है कि हम पीछा छुड़ाना भी नहीं चाहते! क्रियेटिव आनंद मिल रहा है उसमें। 🙂