पचासी साल का आदमी, अपने बारे में लिखा देख और सुन कर कितना प्रसन्न होता है, वह अहसास मुझे हुआ। उनकी वाणी मुखर हो गयी। बताया कि अपनी जवानी में वे मुगदर भांजा करते थे। “सामने क लोग मसड़ (मच्छर) अस लागत रहें तब।”
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किरीट सोलंकी के चित्र
पचहत्तर की उम्र। शारीरिक समस्यायें। जीवन साथी का विछोह। और अनुभवों का एक लम्बा कालखण्ड! किरीट जी अगर सम्पर्क में रहे हो सोचने और लिखने को बहुत कुछ होगा। रेलवे भी उसमें हो उसमें शायद!
स्वास्थ्य का स्रोत – घर का बगीचा
कण्डाल से एक छोटी प्लास्टिक की बालटी में पानी ले कर वे हर पौधे के पास जाती हैं और उसकी जरूरत अनुसार पानी उनकी जड़ों में उड़ेलती हैं। पानी कण्डाल से लेने, चलने, झुकने आदि में जो व्यायाम है, वह पत्नीजी के स्वास्थ्य को पुष्ट करता है।
राजमणि राय और उम्र का एकाकीपन
उनकी बातों से लगा कि वे मेरी सिम्पैथी चाहते हैं पर अकेले जीने में बहुत बेचारगी का भाव नहीं है। राजमणि ने अकेले जिंदगी गुजारने के कुछ सार्थक सूत्र जरूर खोज-बुन लिये होंगे। इन सज्जन से भविष्य में मिलना कुछ न कुछ सीखने को देगा।
पीयूष वर्मा का मालिश-तेल, कंचे, माला और चलना
जनवरी 2023 में अभी 11 दिन हुये हैं। सवेरे इग्यारह बजे तक इस महीने मैं 1,00,194 कदम चल चुका हूं। यह औसत 9100 कदम प्रति दिन होता है। कई दिन मैं दस हजार से अधिक कदम चल चुका हूं। यह दिसम्बर के अनुपात में 80 प्रतिशत बेहतर है।
ड्रेसलैण्ड के महेंद्र मिश्र
पंद्रह मिनट की ड्रेसलैण्ड विजिट में महेंद्र मिश्र मुझे दो कपड़े – जो मेरे आकलन में पर्याप्त मंहगे थे – चिपकाने में सफल रहे। उन कपड़ों से, बकौल मेरी पत्नीजी, मैं किसी पार्टी-समारोह में शरीक होने के लिये कामचलाऊ लायक हो गया हूं!