मिश्री पाल की भेड़ें


गड़रिया हैं मिश्री पाल। यहीं पास के गांव पटखौली के हैं। करीब डेढ़ सौ भेड़ें हैं उनके पास। परिवार के तीन लोग दिन भर चराते हैं उनको आसपास। मुझे मिले कटका रेलवे स्टेशन की पटरियों के पास अपने रेवड़ के साथ। भेड़ें अभी ताजा ऊन निकाली लग रही थीं। हर एक बेतरतीब बुचेड़ी हुई। उन्होनेContinue reading “मिश्री पाल की भेड़ें”

मछली पकड़ना और फोटोग्राफ़ी


कोलाहलपुर में केवट नहीं हैं। उनके पास नावें नहीं हैं। धन्धा भी मछली पकड़ने का नहीं है उनका। अधिकांश मजदूरी करते हैं, खेतिहर हैं या बुनकर। सवेरे गंगा किनारे वे शौच, दातुन और स्नान के लिये आते हैं। नहाने के बाद कुछ धर्मपारायण हनुमान जी या शिवजी के मन्दिर जाते हैं तो पास ही मेंContinue reading “मछली पकड़ना और फोटोग्राफ़ी”

लेंसमैन


पैण्ट कमीज, निकॉन का अच्छा कैमरा – पर्याप्त इस्तेमाल किया हुआ, मंझले आकार का और सही प्रोपोर्शन में शरीर। सिर पर पीछे एक बंधी हुई सवर्ण की शिखा उस व्यक्ति को होटल लेक-व्यू, अशोक के वातावरण से अलग कर रही थी। वह व्यक्ति बिना लोगों में हिले मिले, हम लोगों की कॉन्फ्रेन्स को देख औरContinue reading “लेंसमैन”