प्रेम जी, द्वादश ज्योतिर्लिंग के पदयात्री मेरे घर पर


प्रेम पाण्डेय जी का अनुमान है कि द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन वाहन या ट्रेन द्वारा किये जाने के अनेक उदाहरण हैं, पर शायद पद यात्रा का उदाहरण नहीं है। महादेव की कृपा रही तो उनका यह संकल्प पूरा होगा।

प्रेम पाण्डेय, विलक्षण काँवरिया


उन सज्जन के प्रति, भगवान शिव के प्रति और हिंदुत्व के प्रति गहन श्रद्धा उमड़ आयी! इतने सारे सेकुलर विद्वता ठेलते बुद्धिजीवियों को ठेंगे पर रखने का मन हो आया। मैंने साइकिल किनारे खड़ी कर प्रेम पाण्डेय को स्नेह और श्रद्धा से गले लगा लिया! श्रावण बीत गया है। भादौं लगे एक सप्ताह हो गयाContinue reading “प्रेम पाण्डेय, विलक्षण काँवरिया”

कन्हैयालाल और फेरीवालों का डेरा


वे सब कानपुर के पास एक ही क्षेत्र से हैं। सामुहिक रूप से एक दूसरे के सुख दुख में साथ रहते हैं। शाम को भोजन सामुहिक बनता है। उसके बाद बोल-बतकही होती है। कुछ मनोरंजन होता है। फिर जिसको जहां जगह मिले, वहां वह सो जाता है।

इस गांव में भारत की अर्थव्यवस्था में ब्रेक लगे दिखते हैं


कुल मिला कर एक सवारी गाड़ी का रेक और चार बसें यहां मेरे घर के बगल में स्टेबल हैं। … यानी अर्थव्यवस्था को ब्रेक लग चुके हैं और उसे देखने के लिये मुझे अपने आसपास से ज्यादा दूर नहीं जाना पड़ रहा।

बखरी वाले लोग


यह गांव अगर एक ‘औसत’ गांव भर ही हो कर रह गया और इसके ढेर सारे लोग बिना कुछ किये या सिर्फ ट्रक ड्राइवरी करते रह गये तो वह इस कारण से कि वे ‘बखरी’ के खासमखास होने के परावर्तित आभामण्डल में इतराते रहे।

आज गांव और #गांवपरधानी


“नेता लोगन क बहुत कपड़ा धोवात-कलफ-प्रेस करात हयें। फुर्सत नाहीं बा (नेता लोगों के आजकल प्रधानी चुनाव के कारण बहुत कपड़े धुलाई-कलफ लगाई और प्रेस कराई के लिये मिल रहे हैं। फुर्सत नहीं मिल पा रही)।”