शैलेश के अनुसार करुणेश में बढ़िया चित्र खींचने के अलावा लोगों को परखने और उनकी खूबियां ढूंढ़ने-उभारने की जबरदस्त प्रतिभा है। वे अपने को पीछे रख कर प्रतिभावान को आगे बढ़ाने-प्रोमोट करने में कंजूसी नहीं करते।
भारतीय रेल का पूर्व विभागाध्यक्ष, अब साइकिल से चलता गाँव का निवासी। गंगा किनारे रहते हुए जीवन को नये नज़रिये से देखता हूँ। सत्तर की उम्र में भी सीखने और साझा करने की यात्रा जारी है।
शैलेश के अनुसार करुणेश में बढ़िया चित्र खींचने के अलावा लोगों को परखने और उनकी खूबियां ढूंढ़ने-उभारने की जबरदस्त प्रतिभा है। वे अपने को पीछे रख कर प्रतिभावान को आगे बढ़ाने-प्रोमोट करने में कंजूसी नहीं करते।