सरिस्का से बैराट, विराटनगर


पदयात्रा में कोई करन-अर्जुन के किरदार, कोई सीतेश मिश्र, कोई महेश सैनी जी, कोई बाबा प्रेमदास मिल जाते हैं।… यात्रा की प्रकृति पर उन सब से फर्क नहीं पड़ता। अगला दिन होता है और प्रेमसागर आगे की यात्रा पर निकल लेते हैं।

सरिस्का अभयारण्य के बगल से


यह जगह – नटिनी का बारां, देवनारायण मंदिर और बाबा प्रेमदास की मिठाई की दुकान सरिस्का बाघ अभयारण्य की बफर जोन में आता है। इस सड़क के दक्षिण में बाघ विचरण का इलाका है।

राजस्थान – ग्रामीण गुर्जर लोगों के इलाके से


#ब्लॉग राजस्थान – ग्रामीण गुर्जर लोगों के इलाके से
पांव ठोंक कर, आवाज में आत्मविश्वास दिखाते हुये बात कर रहे थे प्रेमसागर। गूगल सर्च, ब्लॉग के ट्रेवलॉग, आधार नम्बर आदि की जहमत नहीं उठाई पुजारी जी ने। आसानी से रात गुजारने की जगह मिल गयी प्रेमसागर को।

राजस्थान में – प्याऊ, बबूल और जलेबा


“लोग बहुत अच्छे हैं भईया। एक नौजवान लड़के ने तो मुझे रोक कर कोल्ड ड्रिंक और दो पैकेट बिस्कुट मंगाया मेरे लिये।
एक और जगह तो दो लोगों ने रोक कर चाय पिलाई। ब्राह्मण के रूप में बड़ी कदर की मेरी।”

डीग, भरतपुर, राजस्थान


प्रेमसागर ने जो चित्र उस स्थान के भेजे हैं, उनसे यह तो लगता है कि आज से चार सौ साल पहले भी उन महाराजाओं के पास बुद्धि-कौशल-तकनीकी प्रचुर थी। पर उनका समय धूमकेतु की तरह उभरा, चमका और इतिहास हो गया।

वृन्दावन में पदयात्री


प्रेमसागर के लिये शैव या शाक्त सोच एक अवलम्ब भर है। ये शक्तिपीठ सम्पन्न हो जायेंगे तो कोई न कोई और खूंटी ईजाद हो जायेगी यात्रा के लिये। यात्रा का संकल्प उसपर टंग जायेगा और यात्रा जारी रहेगी।…