
प्रयाग से कांवर ले कर चले प्रेमसागर द्वादश ज्योतिर्लिंग पदयात्रा कर रहे हैं।
प्रेम सागर पाण्डेय जब सोलह साल के थे तो माँ की गम्भीर बीमारी के समय उन्होने मनौती मानी थी कि अगर माँ ठीक हो गयीं तो वे बारहों ज्योतिर्लिंग की कांवर यात्रा करेंगे। भगवान शिव की कृपा हुई और मां ठीक हो कर दो दशक जीवित रहीं। अब प्रेम सागर निकल पड़े हैं उस बहुत बड़ी पदयात्रा पर। यह ब्लॉग उनकी यात्रा विवरण देता है।
वे मुझे पहले पहल 30 अगस्त 2021 को मिले थे मेरे घर के पास एन.एच. 19 पर। मेरी सवेरे की साइकिल सैर के दौरान। 29 अगस्त 21 को प्रयागराज में संगम से यात्रा प्रारम्भ की होगी। तब से उन्हें लगभग नित्य मैं देख रहा हूं उन्हें मोबाइल पर सम्प्रेषण के माध्यम से।
पहला चरण – प्रयाग से अमरकण्टक की पद यात्रा
- प्रेम पाण्डेय, विलक्षण काँवरिया
- प्रेम पाण्डेय, कांवरिया का फोन आया
- प्रेम जी, द्वादश ज्योतिर्लिंग के पदयात्री मेरे घर पर
- प्रेम कांवरिया जी आज मध्यप्रदेश में प्रवेश कर जायेंगे
- महादेव! प्रेम जी, कांवर पदयात्री का विश्राम लहा हनुमना वन रेस्टहाउस में
- सुधीर जी की सहायता, प्रेम कांवरिया को मिला फीचर फोन
- प्रेम कांवरिया – पैर छिले हैं। विश्राम। रींवा।
- प्रेम सागर के घर वाले कैसे लेते हैं पदयात्रा को?
- रीवा से बाघवार – विंध्य से सतपुड़ा की ओर
- वृद्धा बोलीं आगे पीछे की 14 पुश्तें तर जायेंगी!
- रोक लिया आज धूप बारिश और पैर के दर्द ने
- प्रेम सागर की पदयात्रा से तुम क्या चाहते हो, जीडी?
- सोन, बाणगंगा, सोहागपुर और शहडोल
- संकल्पों की कसौटी पर जीवन कसते प्रेमसागर
- प्रेमसागर जी को लह गया नया स्मार्टफोन!
- प्रेमसागर अनूपपुर की ओर
- प्रेमसागर के बारे में आशंकायें
- प्रेम सागर : रुद्राक्ष का रोपण और राजेंद्रग्राम को प्रस्थान
- मैने संकल्प न किया होता, तो यह यात्रा कभी न करता – प्रेमसागर
- प्रेमसागर अमरकण्टक को निकल लिये
- विघ्नों बाधाओं को लांघते अमरकण्टक पंहुच ही गये प्रेमसागर
- अमरकण्टक – नर्मदा और सोन की कथाओं का जाल
- कल बारिश का दिन रहा अमरकण्टक में
- अमरकण्टक – दाढ़ी बनवाई, अगले चरण की तैयारी
- अमरकण्टक से अकेले ही चले कांवर लेकर प्रेमसागर
यात्रा का दूसरा चरण – अमरकंटक से उज्जैन
- 26. जंगल ही पड़ा – अमरकण्टक से करंजिया
- 27. कोदों का भात – करंजिया से गाड़ासरई
- 28. डिण्डौरी – नर्मदा किनारे धर्मशाला में रात्रि
- 29. अमेरा रोपनी कर्मी छोड़ने आये पांच किलोमीटर
- 30. देवरी में साहू जी के घर पर
- 31. देवरी से कुण्डम का रास्ता
- 32. कुण्डम से जबलपुर – वृहन्नलाओं का आशीष पाये प्रेमसागर
- 33. जबलपुर, ग्वारीघाट, गुप्तेश्वर महादेव और अर्जी वाले हनुमानजी
- 34. जबलपुर, धुंआधार, नर्मदा, गाक्कड़ भर्ता
- 35. जबलपुर से गोटेगांव
- 36. गोटेगांव से नरसिंहपुर और मुन्ना खान की चाय
- 37. कंकर में शंकर और नरसिंहपुर से आगे
- 38. गाडरवारा, खपरैल, मनीष तिवारी और नदियां
- 39. गाडरवारा, गाकड़, डमरू घाटी और कुम्हार
- 40. कुछ और चलें – गाडरवारा से उदयपुरा
- 41. उदयपुरा से बरेली और नागा बाबा से मिला सत्कार
- 42. बरेली से बाड़ी, हिंगलाज माता और रामदरबार
- 43. बाड़ी से बिनेका
- 44. भोजपुर पंहुचे प्रेमसागर
- 45. भोजेश्वर मंदिर और भोपाल
- 46. भोपाल, बारिश, वन और बातचीत
- 47. भोपाल के आगे निकले प्रेमसागर
- 48. प्रेमसागर – सिहोर होते हुये आष्टा
- 49. आष्टा से दौलतपुर – जुते खेत और पगला बाबा
- 50. दौलतपुर के जंगल का भ्रमण
- 51. दौलतपुर से देवास
- 52. महाकालं, महाकालं, महाकालं नमोस्तुते!
- 53. देवास से उज्जैन और उज्जैन में
यात्रा का तीसरा चरण – उज्जैन से सोमनाथ/नागेश्वर
- 54. एक दिन में उज्जैन से इंदौर, पैदल 60 किमी चलना हुआ
- 55. इंदौर में और फिर चोरल की ओर
- 56. चोरल वन खण्ड और शनि मंदिर
- 57. प्रेमसागर के साथ लूट, ॐकारेश्वर से पहले
- 58. ॐकारेश्वर जल अर्पण और बड़वाह
- 59. बड़वाह
- 60. बडवाह से माहेश्वर
- 61. सहस्त्रार्जुन की राजधानी माहिष्मती (माहेश्वर)
- 62. प्रेमसागर अलीराजपुर में
- 63. प्रेमसागर – एक और दिन अलीराजपुर में
- 64. अलीराजपुर में भाग्वत कथा
- 65. तीन राज्यों की सीमा छूने के बाद अब गुजरात में प्रेमसागर
- 66. प्रेमसागर, गुजरात, छोटा उदयपुर और पालिया
- 67. छोटा उदयपुर से आगे, पालिया, बोडेली
- 68. प्रेमसागर – बोडेली से डभोई
- 69. प्रेमसागर – यात्रा की प्रकृति बदल गयी है
- 70. प्रेमसागर – तारापुर से गलियाना, गुजरात में
- 71. माँ की याद आती ही है, आंसू टपकते हैं – प्रेमसागर
- 72. धंधुका – कांवर यात्रा में पड़ा दूसरा रेल स्टेशन
- 73. धंधुका से आगे प्रेमसागर
- 74. वागड़ से रनपुर के आगे
- 75. रामदेव बाबा पीर का मंदिर, सरवा, बोटाड
- 76. सरवा से हिंगोळगढ़ अभयारण्य के आगे
- 77. श्री मंगल आश्रम से जसदाण और आगे
- 78. जसदाण से मोटा दड़वा
- 79. मोटा दड़वा से घोघावदर
- 80. घोघावदर-गोण्डल से जेतलसर, और आगे
- 81. रैवतक-गिरनार के बगल से गुजरे प्रेमसागर
- 82. 2418 कि.मी. की कांवर यात्रा कर प्रेमसागर सोमनाथ पंहुचे
- 83. प्रभास तीर्थ (सोमनाथ) में दिन
- 84. गड़ू से लोयेज
- 85. नीलकंठ वर्णी और माधवपुर
- 86. माधवपुर
- 87. पोरबंदर – सौराष्ट्र का आतिथ्य
- 88. पोरबंदर – दूसरा दिन
- 89. पोरबंदर के आसपास कांवर यात्रा पर विचार
- 90. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग दर्शन सम्पन्न – प्रेमसागर पर अंतिम पोस्ट
ब्रेक के बाद – गंगोत्री से केदार-बदरीनाथ
- 91. गंगोत्री और प्रेमसागर
- 92. प्रेमसागर – गंगोत्री से गोमुख और वापस
- 93. कांवरयात्रा – गंगोत्री से रुद्रप्रयाग और आगे
- 94. केदारनाथ, 11वाँ ज्योतिर्लिंग दर्शन सम्पन्न, प्रेमसागर
- 95. चारधाम यात्रा के अंतिम धाम की ओर प्रेमसागर
- 96. चारधाम यात्रा सम्पन्न – बद्रीनाथ को जल अर्पण किया प्रेमसागर ने
सुल्तानगंज से बैजनाथ धाम
- 97. सुल्तानगंज में प्रेमसागर
- 98. बैजनाथ धाम की ओर प्रेमसागर
- 99. प्रेमसागर – द्वादशज्योतिर्लिंग काँवर यात्रा सम्पन्न
- 100. द्वादशज्योतिर्लिंग यात्रा के बाद प्रेमसागर
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