मौसम, कच्चा रास्ता, बारिश, ठिकाने की तलाश … उनकी बातें सुन कर लगता है कि यात्रा में उन्हें सामान्य से ज्यादा जद्दोजहद करनी पड़ रही है। पर उनके संकल्प में कमी नहीं है। मुझे अच्छी लग रही है उनके इस चरण की यात्रा।
भारतीय रेल का पूर्व विभागाध्यक्ष, अब साइकिल से चलता गाँव का निवासी। गंगा किनारे रहते हुए जीवन को नये नज़रिये से देखता हूँ। सत्तर की उम्र में भी सीखने और साझा करने की यात्रा जारी है।
मौसम, कच्चा रास्ता, बारिश, ठिकाने की तलाश … उनकी बातें सुन कर लगता है कि यात्रा में उन्हें सामान्य से ज्यादा जद्दोजहद करनी पड़ रही है। पर उनके संकल्प में कमी नहीं है। मुझे अच्छी लग रही है उनके इस चरण की यात्रा।