प्रेमसागर जी का सम्मान हुआ

<<< प्रेमसागर जी का सम्मान हुआ >>>

परसों प्रेमसागर जी ने मुझे फोन कर बताया कि समस्तीपुर के पास एक मंदिर में उनका स्वागत सम्मान किया जाने वाला है और वे वहां जाने के लिये अपने गांव से निकल कर रेलवे स्टेशन पर आ चुके हैं। उनका निकटस्थ रेलवे स्टेशन जीरादेई है। सिवान के पास। बाबू राजेंद्र प्रसाद जीरादेई के निवासी थे।

प्रेमसागर मुझे अगस्त 2021 में मिले थे और उसके बाद उन्होने 12 ज्योतिर्लिंग पदयात्रा की। उनके साथ वर्चुअल ट्रेवलॉग लेखन मैंने किया। मैं अपने घर से नहीं निकला पर प्रेमसागर के माध्यम से मैने भारत भ्रमण कर लिया। प्रेमसागर की द्वादश ज्योतिर्लिंग पदयात्रा पर 100 ब्लॉग पोस्टें हैं। उसके बाद उन्होने शक्तिपीठ पदयात्रायें भी की। उनपर चौरासी पोस्टें ब्लॉग पर हैं। कुल मिला कर अच्छी खासी उपस्थिति मेरे ब्लॉग पर प्रेमसागर की है। बहुत से पाठक उनके बारे में जानते होंगे।

शक्तिपीठ पदयात्रा के बाद प्रेमसागर अपने रास्ते गये और मैं अपना रिटायरमेंट जीवन जीता रहा हूं। अचानक प्रेमसागर को मेरी याद आई। शायद मेरे ब्लॉग के माध्यम से अपना सम्मानित होने की सूचना देना चाहते हों।

समस्तीपुर के पास भीहड़ा गांव में बिचला हरिमंदिर में 16 दिसम्बर को कार्यक्रम था। उसकी आधा दर्जन फोटो प्रेमसागर ने भेजी हैं। साथ में एक राइट अप भी है। सम्भवत: प्रेस विज्ञप्ति है वह –

>>> आज भीड़हा के बिचला हरि मंदिर पर अयोध्या के परम् संत श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर राम शिरोमणि दास जी महाराज फलहारी महात्यागी जी के सानिध्य में सनातन धर्म सम्मेलन का संगीत मायआयोजन किया गया,जिसमें सनातनी चेतना भजन से गायिका मौसम चौधरी और राजू ठाकुर के द्वारा सनातन जागृति की गई, वहीं इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आचार्य किशोर कुणाल जी ने वीडियो के माध्यम से सभी सनातनियों को एकजुट होने और युवाओं को इस तरह के कार्यक्रम से जुड़ने का आह्वान किया, वही विद्यमान मुख्य अतिथि बैद्यनाथ चौधरी बैजू बाबू ने सनातनी एकता को प्रदर्शित करने और अपनी धर्म और संस्कृति बचाने का आह्वान किया, वहीं श्री राम सुमति दास महात्यागी (राष्ट्रीय वैदिक योग ट्रस्ट के संस्थापक)जी ने जीवन जीने की धार्मिक कला एवं पद्धति जुड़कर धर्म की रक्षा करने का आह्वान किया, वहीं सिवान से चलकर आए संत श्री प्रेम शिवशक्तिदास जी का सम्मान हुआ जिन्होंने 12 ज्योतिर्लिंग और 45 शक्तिपीठ की पद यात्रा की है। इस कार्यक्रम की संचालन कमिटी इस प्रकार है:– दीपेंदु राय (युवकसंघ अध्यक्ष सह अधिवक्ता संघ उपाध्यक्ष), मुखिया प्रतिनिधि छत्नेश्वर राय, युवा समाजसेवी राम मोहन राय,अश्विनी कुमार राय,संतोष राय, सुदर्शन राय (गंगा राम)।

उक्त राइट-अप की भाषा वैसी नहीं जैसी मैं लिखता। पर मैने जस का तस रखा है, जिससे समारोह का स्तर और प्रकार समझा जा सके। कार्यक्रम में प्रेमसागर को संत श्री प्रेम शिवशक्ति दास का सम्बोधन दिया गया है। किसी आदमी का बाबा बनना मुझे रुचता नहीं। पर प्रेमसागर अपने रास्ते चल रहे हैं और मैं अपने। वैसे उन्होने फिलहाल कोई आश्रम नहीं बनाया है। पर उन्होने जो पदयात्रा की है – हजारों किलोमीटर की पदयात्रा – उससे उनका आम जनता के बीच महिमामंडन तो तय है।

उनका एक चित्र लगा रहा हूं। “अयोध्या के परम् संत श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर राम शिरोमणि दास जी महाराज फलहारी महात्यागी जी” एक बड़े सिहासन पर बैठे हैं। बाकी संत लोग दांये बांये हैं। दांई ओर कोने में प्रेमसागर जी हैं। समारोह ठीकठाक स्तर का लग रहा है।

प्रेमसागर ने बताया कि वे प्रयाग में कल्पवास की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिये हो सका तो अपने गांव से एक साइकिल से रवाना होंगे। घाघरा (सरयू) पार कर बलिया से साइकिल यात्रा शुरू करेंगे। बलिया से गाजीपुर, वाराणसी और फिर मेरे घर होते हुये प्रयागराज। कल से कम एक पखवाड़ा संगम में कल्पवास होगा कुम्भ के दौरान।

मैने कभी माघ मेला क्षेत्र में दिन नहीं गुजारे। मन में साध थी वह जमावड़ा देखने की। लगता है भगवान जानते हैं कि मैं खुद तो मेला की किचिर पिचिर में जाने से रहा, सो वे प्रेमसागर के माध्यम से कल्पवास दिखायेंगे मुझे। अगर वैसा हुआ तो कुछ ब्लॉग पोस्टें कल्पवास पर भी बनेंगी! उसमें अभी महीना भर है। इसबीच मौका लगा तो कुम्भ और माघ मेला पर पढ़ने, जानकारी जुटाने और नोट्स बनाने का काम कर सकता हूं। पर फिलहाल मन बनाना है उसके लिये!


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

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