क्या खाक मौज लेंगे? हम तो टेन्स हो गये!


कल की पोस्ट पर फुरसतिया ने देर रात टिप्पणी ठेली है। वह भी ई-मेल से। लिखा है –

बाकी ज्ञानजी आप बहुत गुरू चीज हैं। लोग समझ रहे हैं कि आप हमारी तारीफ़
कर रहे हैं लेकिन सच यह है कि आप हमको ब्लागर बना रहे हैं। आपने लिखा-
“इस सज्जन की ब्रिलियेन्स (आप उसे जितना भी आंकें)” मतलब कोई पक्का नहीं
है अगला कित्ते किलो या कित्ते मीटर ब्रिलियेंट है।


अब भैया, यह तो पोस्ट चिमटी से उधेड़ने जैसी चीज हो गयी। सुकुल अगले पैरा का जिक्र नहीं करते, जिसमें मैने उन्हें नये ब्लॉगर्स के कलेक्टिव सपोर्ट सिस्टम का केन्द्र बताया है। यह रहा वह अंश –

दूसरे, व्यक्तिगत और छोटे समूहों में जो बढ़िया काम/तालमेल देखने को मिलता था, वह अब उतना नहीं मिलता। अनूप जैसे लोग उस कलेक्टिव सपोर्ट सिस्टम के न्यूक्लियस (नाभिक) हुआ करते हैं। उन जैसे लोगों की कमी जरूर है…

लो जी; बोल्ड फॉण्ट में लिखे देते हैं (और मैं यूं ही नहीं लिख रहा, यकीन भी करता हूं) –

फुरसतिया हिन्दी ब्लॉगरी के ब्रिलियेण्टेस्ट स्टार हैं!

अब तो चलेगा? लो, एक स्माइली भी लगा देते हैं! Big Grin


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

12 thoughts on “क्या खाक मौज लेंगे? हम तो टेन्स हो गये!

  1. किसउ को सुकुल के ‘ब्रिलिएंटेस्ट’ होने में ‘फ़ेन्टेस्ट’ भी ‘डाउट’ नहीं है . ऊ त हइयें .गरदनवा का पीर कैसा है ? ऊ छींकानुमा गलपट्टी हटाए कि नहीं ? न अभी भी हठयोग जारी है ? कौनौ सिद्धि मिले से हमको भी बतराइएगा . हमको भी बीच-बीच में ई कौन-सा ‘लाइटिस’ जौन बोलते हैं, होता है .

    Like

  2. ज्ञानजी आप टेंशनियाये नहीं। हम देखते रहे तमाम अंग्रेजी डिक्शनरी लेकिन हमें कहीं मिला ही नहीं ब्रिलियेंटेस्ट। फ़िर हमसे सोचा ज्ञानजी मौज ले रहे हैं। व्यंग्य है सो व्यंग्य ही समझा जाये। विश्वनाथजी से जल्द ही फोन पर बात होगी। खासकर आपकी मांग पर चिठेरा-चिठेरी को वापस बुलाया गया है और आपके बारे में वे क्या बतियाते हैं ये देखियेगा। मौज है। बस्स। हंसियेगा नहीं वर्ना सर्वाइकल में दर्द होगा। :) ज्ञानजी हिंदी ब्लागजगत के मार्निंग ब्लागर हैं

    Like

आपकी टिप्पणी के लिये खांचा:

Discover more from मानसिक हलचल

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

Design a site like this with WordPress.com
Get started