श्री समीर लाल की २८३ वी पोस्ट “किसी ने देखा तो नहीं” पर जब मैने टिप्पणी की तो वह ६५वीं थी। इसे ले कर उनके ब्लॉग पर ९९९८ टिप्पणियां हो चुकी हैं। जब तक मैं सो कर उठूं, दस हजार पार तो हो ही जायेंगी। अब मैं सोने जा रहा हूं।
आप दन्न से बजायें ताली। 
भारतीय रेल का पूर्व विभागाध्यक्ष, अब साइकिल से चलता गाँव का निवासी। गंगा किनारे रहते हुए जीवन को नये नज़रिये से देखता हूँ। सत्तर की उम्र में भी सीखने और साझा करने की यात्रा जारी है।
श्री समीर लाल की २८३ वी पोस्ट “किसी ने देखा तो नहीं” पर जब मैने टिप्पणी की तो वह ६५वीं थी। इसे ले कर उनके ब्लॉग पर ९९९८ टिप्पणियां हो चुकी हैं। जब तक मैं सो कर उठूं, दस हजार पार तो हो ही जायेंगी। अब मैं सोने जा रहा हूं।
आप दन्न से बजायें ताली। 
बहुत आभार ज्ञान जी. क्या कातिल नजर पाई है. हमें तो खुद आपसे मालूम पड़ा. :)सभी का शुभकामनाओं के लिए बहुत आभार. सफर में आप सबका स्नेहमयी साथ है, तो आनन्द आ रहा है. बस, ऐसे ही स्नेह बनाये रखिये. लिखने का हौसला मिलता रहेगा.
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ध्यानाकर्षण के लिये आभार!! जल्दी ही आप के लिये भी हम ताली बजाने वाले हैं!!सस्नेह — शास्त्री
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समीर भाई को बहुत बहुत बधाई……….अभी तो शुरुआत है उनकी, आगे आगे देखिये होता है क्या
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आपका हुक्म सर आंखों पर…बजा रहे हैं ताली :)
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बजा दिये जी.. अब और क्या हुकुम है, और किसे बजायें.. :D
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समीरजी को बधाई!वैसे आप भी शायद टिप्पणी के मामले में समीर जी के आस-पास ही होंगे।
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बहुत आभार इस जानकारी के लिये.रामराम.
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ऐसे आप के भी चिट्ठे पर कम टिप्पणीं नहीं होनी चाहिये।
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बहुत आभार इस जानकारी के लिए। और ढेरो बधाई आदरणीय समीर जी को इस उपलब्धि पर….regards
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