गर आतिश-ए-दोज़ख बर रू-ए-जमीं अस्त।
हमीं अस्तो हमीं अस्तो हमीं अस्त!
यह पूरी पोस्ट चुरातत्वीय है। मेरा योगदान केवल भावना अभिव्यक्ति का है। आतिश-ए-दोज़ख से (मैं समझता हूं) अर्थ होता है नर्क की आग। बाकी मीन-मेख-मतलब आप निकालें।
भारतीय रेल का पूर्व विभागाध्यक्ष, अब साइकिल से चलता गाँव का निवासी। गंगा किनारे रहते हुए जीवन को नये नज़रिये से देखता हूँ। सत्तर की उम्र में भी सीखने और साझा करने की यात्रा जारी है।
गर आतिश-ए-दोज़ख बर रू-ए-जमीं अस्त।
हमीं अस्तो हमीं अस्तो हमीं अस्त!
यह पूरी पोस्ट चुरातत्वीय है। मेरा योगदान केवल भावना अभिव्यक्ति का है। आतिश-ए-दोज़ख से (मैं समझता हूं) अर्थ होता है नर्क की आग। बाकी मीन-मेख-मतलब आप निकालें।
हमीं अस्तो हमीं अस्तो हमीं अस्त!
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