पुरवट, परित्यक्त कुंआ और देवनन्दन


नेशनल हाईवे के उसपार गांव है लक्षमणा। कल उस ओर निकल गया शाम के समय। साथ में मेरा बेटा था ज्ञानेन्द्र। उसके लिये कुछ दिन पहले एक साइकिल खरीदी है। ध्येय यह है कि उसको साथ साथ ले चलूं और आसपास के गांव दिखा दूं। वह राजन भाई की तरह मेरे लिये एक साथी कीContinue reading “पुरवट, परित्यक्त कुंआ और देवनन्दन”

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