यह एक परिचयात्मक पोस्ट है। आगे हम गिन्नी, गुन्जा और गोली की बातचीत मिसेज वाईपी और नागेश्वर के माध्यम से करेंगे। क्या पता वह करते करते तीन सौ पेज की एक किताब ही बन जाये!
भारतीय रेल का पूर्व विभागाध्यक्ष, अब साइकिल से चलता गाँव का निवासी। गंगा किनारे रहते हुए जीवन को नये नज़रिये से देखता हूँ। सत्तर की उम्र में भी सीखने और साझा करने की यात्रा जारी है।
यह एक परिचयात्मक पोस्ट है। आगे हम गिन्नी, गुन्जा और गोली की बातचीत मिसेज वाईपी और नागेश्वर के माध्यम से करेंगे। क्या पता वह करते करते तीन सौ पेज की एक किताब ही बन जाये!