लू लगने से बुखार में तपता आदमी 925 किमी की यात्रा करे बस और कार में! मेरे ख्याल से निहायत पागलपन है। पर पूरा भारत भ्रमण बिना संसाधन, महादेव के सहारे, पैदल करने वाला उन्हीं के गण जैसा ही तो होगा!
भारतीय रेल का पूर्व विभागाध्यक्ष, अब साइकिल से चलता गाँव का निवासी। गंगा किनारे रहते हुए जीवन को नये नज़रिये से देखता हूँ। सत्तर की उम्र में भी सीखने और साझा करने की यात्रा जारी है।
लू लगने से बुखार में तपता आदमी 925 किमी की यात्रा करे बस और कार में! मेरे ख्याल से निहायत पागलपन है। पर पूरा भारत भ्रमण बिना संसाधन, महादेव के सहारे, पैदल करने वाला उन्हीं के गण जैसा ही तो होगा!