बहुत से रंग, बहुत से बटन, बहुत से एडिटिंग के टूल – कुल मिला कर वैसा बन जाता है जैसा शादियों में ओवर मेक-अप किये औरतों का होता है। वे सुंदर औरतें मेक-अप की चुड़ैलों में रूपांतरित हुई दीखती हैं।
भारतीय रेल का पूर्व विभागाध्यक्ष, अब साइकिल से चलता गाँव का निवासी। गंगा किनारे रहते हुए जीवन को नये नज़रिये से देखता हूँ। सत्तर की उम्र में भी सीखने और साझा करने की यात्रा जारी है।
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