प्रेमसागर की संगम यात्रा

<<< प्रेमसागर की संगम यात्रा >>>

8 जनवरी 25

प्रेमसागर ने फोन किया सवेरे। वे साइकिल से अपने गांव से चल दिये हैं। गांव जीरादेई, सिवान के पास है। वहां से बलिया, गाज़ीपुर, बनारस होते संगम जायेंगे कल्पवास के लिये। द्वादश ज्योतिर्लिंग और शक्तिपीठ पदयात्रा पैदल चलते रोज पच्चीस तीस किलोमीटर नापते थे प्रेमसागर। साइकिल से तो पचास तक नापेंगे।

उन्होने बताया कि उनके गांव से मेरा घर 207किमी बताता है गूगल मैप। मेरे घर से प्रयाग करीब 90 किमी। सो तीन सौ किमी की साइकिल यात्रा कर पंहुचेंगे प्रेमसागर प्रयागराज।

अपना फोटो भेजा है साइकिल पर सवार हो कर। आगे हैंडल से दो थैले लटके हैं। कपड़ा-लत्ता होगा सर्दी के मौसम का। उसके अलावा शायद घर से लाई चिऊरा, लेड़ुआ आदि भी हो। बाकी, जाकिट आदि साटे स्मार्ट लग रहे हैं प्रेमसागर। देखें, आगे अपनी यात्रा का क्या क्या बताते हैं।

9 जनवरी 25

कल प्रेमसागर ने साइकिल से संगम यात्रा प्रारम्भ की अपने गांव से। उनका गांव है सिंकिया, जीरादेई से 3किमी दक्खिन। साइकिल से सवेरे नौ बजे चले। आगे हैंडल पर झोले बांधे और पीछे कैरीयर पर कम्बल रखे।

बीस किमी दूर दरौली घाट में इस साल पॉण्टून पुल अभी पूरी तरह बना नहीं है। सरयू (घाघरा) पार करने के लिये फेरी का इंतजार दो घंटे किया। फेरी बड़ी थी। सरयू भी बड़ी थीं। खूब पानी दीखता है। पाट भी बहुत चौड़ा है घाघरा/सरयू का। “दो किमी का होगा”।

दिन भर में कुल सत्तर किमी साइकिल चलाई। कोई पांड़े जी हैं, उनका मैरिज हॉल है नागरा में। वहीं पांड़े जी ने प्रेमसागर के रात गुजारने का इंतजाम किया।

आज चंदौली तक साइकिल चलानी है प्रेमसागर को। नागरा से चंदौली 113 किमी है – ऐसा प्रेमसागर ने बताया।

#प्रेमसागार #PremSangamYatra #प्रेमसंगमयात्रा


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

आपकी टिप्पणी के लिये खांचा:

Discover more from मानसिक हलचल

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

Design a site like this with WordPress.com
Get started