<<< यात्रा बनाम यात्राविरक्ति >>> आज सवेरे शैलेश पाण्डेय ने प्रयाग से फोन किया। उनका कहना था कि यूं ही उठूं, अपनी गाड़ी में तेल भराऊं और प्रयाग के दारागंज वाले परेड ग्राऊण्ड में पंहुच जाऊं। वहां वे मिल जायेंगे और पूरा मेला साथ रह कर घुमवा देंगे। घूम कर वापस लौटा जा सकता है।Continue reading “यात्रा बनाम यात्राविरक्ति”
