<<< संगम में बद्री लाल के रिक्शे पर >>> पुण्डरीक मिश्र जाने कहां से उसे निकाल लाये। हम शैलेश और पुण्डरीक जी के साथ उनके नमो एप्प के अड्डे से संगम की ओर चल रहे थे। एक-डेढ़ किलोमीटर रही होगी दूरी। बीएसएफ के उस नगा सिपाही ने अपनी नैसर्गिक मुस्कान और दृढ़ता से हमारा स्वागतContinue reading “संगम में बद्री लाल के रिक्शे पर”
