गिलहरियां नहीं दिख रहीं

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रात में कुछ अजीब हुआ है। आज सवेरे कोई गिलहरी नहीं दिख रही। मेरे #घरपरिसर में करीब दो दर्जन गिलहरियां हैं। सवेरे बाहर निकल कर मैं उनके लिये रोटी डालता हूं तो कई गिलहरियां, चरखियां, मैना, बुलबुल, कौव्वे और रॉबिन इंतजार करते मिलते हैं। आज बाकी सब तो थे पर गिलहरियां पूरी तरह गायब थीं।

रात में कुछ तो गड़बड़ हुआ है उनके साथ। घर में नेवले रह रहे हैं। चरखियां उन्हें देख चेंचें करने लगती हैं, गिलहरियां भी सतर्क हो जाती हैं पर उनके गुजर जाने पर सब कुछ सामान्य हो जाता है। मुझे नहीं लगता कि नेवलों ने कोई शिकार किया हो इन चिड़ियों का गिलहरियों का। सांप जरूर शिकार करते हैं। वे चिड़ियों के अंडे, गिलहरियों के नवजात बच्चे या छोटी गिलहरियों का भी शिकार करते हैं। जब वे ऐसा करते हैं तो कई दिनों तक गिलहरियां नहीं दीखतीं। धीरे धीरे सब सामान्य होता है। पर अभी तो सांपों के विचरने का समय नहीं है। ठंड में वे सब कहीं दुबके, हाइबरनेशन में सो रहे होंगे।

एक मरियल सी बिल्ली जरूर घूम रही है कई दिनों से। गूलर के पेड़ के नीचे देखा था – उसने दो बच्चे भी जने हैं। बच्चों को किसी सुरक्षित स्थान पर रखा होगा मेरे परिसर में ही। बिल्ली को भी भोजन चाहिये और उसके दो छोटे बच्चों को भी। घर के ऊपर सोलर पैनल्स के नीचे बहुत सारे कबूतरों की सोसाइटी है। नीचे की मंजिलों से जब उन्हें बहुत मेहनत कर भगाया गया तो उन्होने सोलर पैनल्स की पनाह ली है। अब वे सोलर पैनल्स को अपनी बीट से गंदा करते हैं। उससे बिजली की चार्जिंग कम होने लगती है। सप्ताह बह्र में पैनल साफ करने होते हैं और उसी समय कबूतर भगाये जाते हैं। पर कबूतर इतने असुर हैं कि पीछा नहीं छोड़ रहे। मैं तो चाहता हूं कि बिल्ली सभी कबूतरों को शिकार बना ले।

तीन चार दिन पहले अशोक ने सूचना दी थी – “लागत बा बिलरिया एक कबूतर के मारे बा।” छ्त पर थोड़ा सा खून और कबूतर के पंख दिखे थे। मुझे खुशी ही हुई थी यह जान कर। रोज एक कबूतर बिल्ली खाने लगे तो पांच सात दिन में कबूतर मेरा घर छोड़ कर शायद कहीं और चले जायें।

पर अब गिलहरियां गायब हो जाने से शायद उल्टा हो गया है। कोई गिलहरी बिल्ली का शिकार बन गई है। अब तीन चार दिन तक गिलहरियां इस परिसर को छोड़ आसपास की जगहों पर पलायन कर जायेंगी। या कर चुकी होंगी।

मेरे घर में गिलहरियों के कई ‘घोंसले’ हैं। जब भी गिलहरी को बच्चे जनने होते हैं, वह किसी पेड़ पर अपना अड्डा बनाती है। फिर घर से रेशे चुराना शुरू करती है। मेरे दो तीन मोजे चुरा कर ले जा चुकी है। एक मोजा चुराने पर जोड़े का दूसरा बेकार हो जाता है। वह फिर रसोई के बर्तन मांजने लायक ही रह जाता है। गिलहरियां चारपाई की निवाड़, दरवाजे पर बिछे पांवपोंछ और कभी कभी धूप में सुखाये जा रहे कपड़े भी नोचने लगती है गिलहरी। आजकल वे रेशे इकट्ठा करने में लगी हैं। इसलिये भले ही अभी वे गायब हो गई हैं, जल्दी ही वापस लौटेंगी, ऐसा मेरी आशा है।

मैं नहीं चाहता कि बिल्ली घर छोड़ कर चली जाये। जब भी घर के बाहर निकलने के लिये मैं दरवाजा खोलता हूं, उसे आसपास दुबके पाता हूं। वह इस घात में रहती है कि दरवाजा बंद होने के पहले ही दबे पांव अंदर घुस जाये। उसे किचन का भी पता है, जहां उसे खाने को मिल सकता है। घर के अंदर न घुसे, उसके लिये हमें एक जंग लड़नी पड़ती है। फिर भी मैं चाहता हूं कि वह घर की ऊपरी मंजिल पर रहे और एक कबूतर रोज खाये।

गिलहरियां चोर हैं और कबूतर असुर हैं। पर दोनो के प्रति अलग भाव हैं मन में। मैं चाहता हूं गिलहरियां घर में रहें और उनकी संख्या भी बढ़े। पर कबूतरों के लिये तो मन होता है एक बंदूक खरीद कर कबूतर मारने के लिये निशानेबाजी का अभ्यास करूं। रोज एक कबूतर मार कर सोलर पैनल्स के पास लटका दूं। पर जिस परिवार-संस्कार में जन्मा हूं, वह यह अलाऊ नहीं करता अन्यथा कर चुका होता!

अब अगले तीन चार दिन नजर रहेगी गिलहरियों पर। भगवान को मनाऊंगा कि वे जल्दी वापस लौटें।

#घरपरिसर #आसपास


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

7 thoughts on “गिलहरियां नहीं दिख रहीं

  1. सर्दी के अंत में गिलहरियों के प्रजनन का समय होता है। कुछ दिनों में शायद वापस आ जाएँगी।

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  2. बिना अपने संस्कारों के साथ समझौता किए कबूतरों की समस्या का एक समाधान अमेजन पर उपलब्ध है। “Plastic spikes for pigeons” खोज लें।

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