फिर हिन्दी पर चलने लगे तीर (या जूते!)


‘हिंदी एक बीमार भाषा है। क्‍योंकि इसका मुल्‍क बीमार है। अस्‍सी फीसदी नौजवान हाथ बेकार हैं। प्रोफेसर और दूसरे कमाने वालों को बैंक का ब्‍याज चुकाना है, वे ट्यूशन पढ़ा रहे हैं, कमाई का अतिरिक्‍त ज़रिया खोज रहे हैं। वे क्‍यों पढ़ेंगे किताब? आपकी किताब उन्‍हें दुष्‍चक्र से बाहर निकलने का रास्‍ता नहीं दिखा रही।‘Continue reading “फिर हिन्दी पर चलने लगे तीर (या जूते!)”

उत्तर – रमानाथ अवस्थी की एक कविता का अंश


कविता हर एक के बस की बात नहीं है. मैं जो कुछ बनना चाहता था और नहीं बन पाया – उसमें काव्य लेखन भी एक आयाम है. इसलिये दूसरों की कविता से मन रमाना पड़ता है. रमानाथ अवस्थी की कविता/गीत मुझे बहुत प्रिय हैं. समय के विविध रंग देखते देखते समय से एक अजीब सम्मोहनContinue reading “उत्तर – रमानाथ अवस्थी की एक कविता का अंश”

हिन्दी और अंग्रेजी में छत्तीस का आंकड़ा क्यों है?


छत्तीस का प्रयोग देवनागरी आकड़ों में तब होता है जब तनातनी हो. अंग्रेजी और हिन्दी में झगड़ा होने का कोई कारण नहीं होना चाहिये. दोनो अपने अपने प्रकार से समृद्ध भाषायें हैं. अंग्रेजी के नाम से बिदकना शायद इसलिये होता है कि कुछ लोग अंग्रेजी को शासन तंत्र की भाषा मानते हैं. पर अब शासनContinue reading “हिन्दी और अंग्रेजी में छत्तीस का आंकड़ा क्यों है?”

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