पाठक जी का शतक जमाता घर


दिनांक 18जून, दोपहर। प्रेमसागर 10 किलोमीटर चल कर सोकलपुर से हीरापुर पंहुचे। नर्मदा किनारे किनारे चले। प्रेमसागर ने बताया कि स्थानीय लोगों के अनुसार श्रद्धालु यहां भी एक पंचकोशी नर्मदा परिक्रमा होती है। हीरापुर से सोकलपुर और वापसी की। अशोक शुक्ल जी, जिनसे परिचय ट्विटर (अब X) पर हुआ; का कहना है कि ये दोनोContinue reading “पाठक जी का शतक जमाता घर”

सोकलपुर से हीरापुर – कच्चा रास्ता, नदी और वन


कल (18 जून 25) प्रेमसागर सोकलपुर से हीरापुर पंहुचे। कुल 10 किलोमीटर की पदयात्रा। विनोद पाठक जी का एक रात रुकने का निमंत्रण न रहा होता तो प्रेम बाबाजी ज्यादा ही चलते। शिवम कृष्ण बुधलिया जी दो किलोमीटर चले होंगे तभी मिले सड़रई गांव में शिवम कृष्ण बुधौलिया जी। वे अपने घर के सामने इंतजारContinue reading “सोकलपुर से हीरापुर – कच्चा रास्ता, नदी और वन”

घाट पिपल्या से उडीया होते सोकलपुर — परतों में पैबस्त पदयात्रा


घाट पिपल्या से उडीया रहा 20 किलोमीटर और वहां से सोकलपुर 30 किलोमीटर। पचास किलोमीटर के लिये तीन दिन लगाने चाहिये थें प्रेमसागर को, पर वे दो दिन में इसे पूरा कर गये। अशक्त होने और ज्वर से पीड़ित होने का कोई कतरा भी उनकी चाल में दिखाई नहीं देता। सोलह जून की सवेरे वेContinue reading “घाट पिपल्या से उडीया होते सोकलपुर — परतों में पैबस्त पदयात्रा”

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