#ब्लॉग राजस्थान – ग्रामीण गुर्जर लोगों के इलाके से
पांव ठोंक कर, आवाज में आत्मविश्वास दिखाते हुये बात कर रहे थे प्रेमसागर। गूगल सर्च, ब्लॉग के ट्रेवलॉग, आधार नम्बर आदि की जहमत नहीं उठाई पुजारी जी ने। आसानी से रात गुजारने की जगह मिल गयी प्रेमसागर को।
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राजस्थान में – प्याऊ, बबूल और जलेबा
“लोग बहुत अच्छे हैं भईया। एक नौजवान लड़के ने तो मुझे रोक कर कोल्ड ड्रिंक और दो पैकेट बिस्कुट मंगाया मेरे लिये।
एक और जगह तो दो लोगों ने रोक कर चाय पिलाई। ब्राह्मण के रूप में बड़ी कदर की मेरी।”
डीग, भरतपुर, राजस्थान
प्रेमसागर ने जो चित्र उस स्थान के भेजे हैं, उनसे यह तो लगता है कि आज से चार सौ साल पहले भी उन महाराजाओं के पास बुद्धि-कौशल-तकनीकी प्रचुर थी। पर उनका समय धूमकेतु की तरह उभरा, चमका और इतिहास हो गया।
