मेरी HTML सम्बन्धित पोस्ट पर पाठकों की टिप्पणियां हैं, कि:
- हमें तो HTML की बेसिक जानकारी नहीं है।
- यह तकनीकी बात तो सिर से निकल गयी।
- देखते हैं, कोशिश करते हैं, बाकी अपना फील्ड नहीं है यह!
- मान गए हजूर कि आप फ़ुल्टू तकनीकी हो, अपन के पल्ले तो पड़ता नई ये सब!
- आप अपने ब्लॉग में पता नही क्या क्या करते रहते हैं …
- यदि समझ आ गया तो रिकॉर्ड स्थापित हो जाएगा।
- पहले html की abcd सीखनी पड़ेगी।
- आप लगता है भूल गये कि आपका ….. पत्ता इसीलिये कट गया था क्योंकि आप तकनीकी रूप से सक्षम पाये गये थे।
मैं मानता हूं कि आम ब्लॉगर कोई प्रोग्रामर/सॉफ्टवेयर डेवलपर नहीं है। और मेरा भी कार्य क्षेत्र ट्रेन-गाड़ी परिचालन का है; सॉफ्टवेयर का नहीं। उम्र भी 52+ की हो चुकी है, लिहाजा यह कोई सम्भावना भी नहीं है कि एक नये क्षेत्र में कुछ कर गुजरेंगे। पर यह जरूर है कि अगर आप ब्लॉगिंग कर रहे हैं और अपने ब्लॉग को फलता फूलता देखना चाहते हैं तो न केवल आपको अपने ब्लॉग का लेखन स्तर, उसकी विषय वस्तु, लेखन की आवृति, नियमितता, अपनी टिप्पणियों का स्प्रेड और उनकी गुणवत्ता पर ध्यान देना होगा, वरन आप किस प्रकार अपनी पोस्ट और अपना ब्लॉग परोस रहे हैं – उसके प्रति भी सजग रहना होगा।
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कुछ सरल HTML प्रयोग: ब्लिंक एण्ड ब्लश – स्टाइल से
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और इस सजगता के लिये HTML की बेसिक जानकारी आनी ही चाहिये। शुरू-शुरू में यह नहीं आती। पर आपको अपना कुछ समय उसमें इनवेस्ट करना चाहिये। मैं यह मानकर चल रहा हूं कि आम हिन्दी ब्लॉगर अपना ब्लॉग प्रेजेण्टेशन सुधारने के लिये दमड़ी खर्च करने की और प्रोफेशनल सुविधा/सहायता लेने की नहीं सोच सकते। ऐसे में खुद ही थोड़ा बहुत “ऑपरेशन ब्लॉग चमको” चलाना होगा। आप यह मान लें कि थोड़े बहुत HTML से आपकी रचनात्मकता बढ़ जायेगी और ब्लॉग से खेलने में मन लगेगा। आप अपनी साइडबार को और अधिक उपयोगी बना सकेंगे।
मैने हिन्दी ब्लॉगजगत का विस्तृत परिभ्रमण नहीं किया है, अत: कह नहीं सकता कि कोई सज्जन अपने ब्लॉग पर हिन्दी मेँ सरल सुग्राह्य तरीके से HTML सिखा रहे हैं या नहीं। पर एक तकनीकी जानकार को इस दिशा में सर्वजन हिताय गम्भीर पहल अवश्य करनी चाहिये। और लोगों (मैं समाहित) को रस ले कर सीखना चाहिये।
इति तकनीकी प्रवचनार्थ पोस्ट! बाकी आप माने न मानें – हरि इच्छा!

वाकई ज्यादा नही तो थोड़ा बहुत ज्ञान ही पर्याप्त है ब्लॉग के बेहतर प्रस्तुतीकरण के लिए. वैसे दिनेश जी का “हटमल” शब्द संभाल कर रखें आगे काम आयेगा :D
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क्यों सीखें HTML? पहले ही आप बहुत परेशान किये हैं, नयी नयीं चीजें सीख के चिट्ठे पर डाल देते हैं :-)न कतई न सीखेंगे HTML….भाड में जाये नयी तकनीक, हम तो पुरानी से ही काम चलायेंगे …:-)
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मैं भी ‘ह्त्म्ल’ निरक्षर हूँ -क्या है इसका फुल फॉर्म ?
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बिजियाए हुए हैं आजकल । लेकिन कभी कभी झांक लेते हैं । हम तो वैसे भी html के एकलव्य हैं । सीख रहे हैं चुपचाप । जरूरी भी है । मन से टेक्नो हैं । और कलाकार तो हैयईहैं ।
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बड़ी उम्दा तकनीकी जानकारी अब आपने जतायी है तो एच.टी.एम्.एल. सीखना पड़ेगा फुरसतिया समय मे .
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सर, आप बिल्कुल सही कह रहे हैं, देर-सवेर जब यह काम सीखना पड़ना ही है तो शुरूआत अभी ही से क्यों न की जाये। पोस्ट में जिस तरह से सीधे-सीधे आपने सर अपनी बात कही बहुत अच्छा लगा…ऐसा लगा जैसा हमारा अपना ही कोई सीनियर हमें बेशकीमती टिप्स दे रहा है। धन्यवाद। अभी से तय कर लिया है कि आज से सीरीयस्ली एचटीएमएल सीखने में लगता हूं।
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वो जो चार उदाहरण दिये हैं, वो समझाईये भी तो कि कैसे करना है हम तो बहुत बड़े पैदल हैं, आप तो जानते ही हैं. :) हमें क्या पता कि marquee क्या होती है. :)
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एच.टी.एम.एल. धांसू चीज है सिखना चाहिये और ऐसे ही हिला के रख देना चाहिये ऐसे आप फ़ुरसतिया को साइकिल के हैंडल पर बैठा के झुला दिये। :)
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हम आप से सहमत हैं, http://sanchika.blogspot.com/ पर लवली कुमारी सिखा रही हैं, “हटमल” के गुर। हमने गंभीरता से तो नहीं पढा है उन्हें पर यह प्रोग्राम बनाया है कि 3 जून से सिविल कोर्ट का अवकाश होने पर एक साथ सीखेंगे उन की सारी पोस्टें खोल कर।
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गुरुवर, पाटी-दवात और कलम लेकर बैठ गए हैं. अब शुरू हो जाइए. अवश्य सीखेंगे.
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