असीम प्रसन्नता और गहन विषाद


इलाहाबाद से चलते समय मेरी पत्नीजी ने हिदायत दी थी कि प्रियंकर जी, बालकिशन और शिवकुमार मिश्र से अवश्य मिल कर आना। ऑफकोर्स, सौ रुपये की बोतल का पानी न पीना। लिहाजा, शिवकुमार मिश्र के दफ्तर में हम सभी मिल पाये। शिव मेरे विभागीय सम्मेलन कक्ष से मुझे अपने दफ्तर ले गये। वहां बालकिशन आयेContinue reading “असीम प्रसन्नता और गहन विषाद”

Design a site like this with WordPress.com
Get started