ढिंचक लेखन!


atul अभी अभी एक नये ब्लॉग की खबर चिठ्ठाजगत ने दी है अपनी ई मेल के माध्यम से। ब्लॉग है – मेरी कलम, मेरे जज्बात। मैं चला गया पोस्ट पर। तीन कमेण्ट थे। मैने सोचा एक उड़न तश्तरी (समीर लाल) का अवश्य होगा। पर नहीं। पहला कमेण्ट रोमनागरी में किसी सिम्मी जी का था। और क्या शानदार कमेण्ट –

Abe tu to ekdum dhinchak likhne laga hai…bole to jhakkas…Lagta hai jaise dil par chot khai hai. (अबे, तू तो एकदम ढ़िंचक लिखने लगा है। बोले तो झक्कास। लगता है जैसे दिल पर चोट खाई है!)

अब दो चीजें – समीर लाल जी से पहले हम कैसे पहुंच गये नये ब्लॉग पर! और दूसरे, इतना बढ़िया टिप्पणी मेरी किसी पोस्ट को क्यों न मिल सकी अब तक?

विज्ञापन की दुनियां से जुड़े अशोक बोरा जी ने ब्लॉग टेम्प्लेट वास्तव में बड़ा झिंचक बनाया है।

चलें भैया, मालगाड़ी गिनें। ये तो ऐसे ही एक पोस्ट ठेलने का मन हो गया था उक्त ब्लॉग के कमेण्ट से।  


और आशीष खण्डेलवाल जी के जुगाड़ से पता चला कि हम ९०००+ टिप्पणियां बटोर चुके हैं अब तक!


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

30 thoughts on “ढिंचक लेखन!

  1. ढिंचक टिपण्णी मिलना तो सच में बड़ी बात लगती है. गंभीर इंसान हो जाने का चस्पा लग जाने पर ढिंचक टिपण्णी मिलनी थोडी मुश्किल तो है ही!फिलहाल ९००० हो गए अब ९९ का चक्कर शुरू होता है :-)

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  2. एक टिप्‍पणी हमारी भी गिन लीजिए…वैसे आपकी चर्चा ने इन नये ब्‍लॉगर महोदय की टीआरपी धड़ाके से बढ़ा दी है….लगता है अब ब्‍लॉगिंग में नये आने वाले जमने के लिए आपकी ही शरण पकड़ेंगे :)

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  3. ज्ञान जी, क्या सहजता से आपने कहा है… “चलें भैया, मालगाड़ी गिनें।” वाह!और आपने बहुत ही खूबसूरती से एक नए ब्लॉगर का उत्साहवर्धन किया है. ये सब देख के और साथ ही तमाम लोगों के विचार पढ़ के लगता है, कि यहाँ एक अलग संसार है. और आप सब वरिष्ट लोग हैं जिनसे ये सब एक कड़ी में जुड़े हुए हैं..इसी तरह रचनात्मक योगदान करते रहें..

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  4. ढिंचक पोस्ट तो आप रोज ही लिखते हैं, लेकिन आपकी ऊँचाई को देखते हुए किसी ने यह चालू शब्द ठेलने का विचार नहीं किया होगा। अब आपका इशारा पाकर ऐसे विशेषणों की बाढ़ आने वाली है। तैयार हो जाइए। मेरी ओर से भी ९००० की बधाई।

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  5. 1000 कमेंट्स के लिए बहुत बहुत बधाई। जमाये रहिये। हम चाहते हैं कि आप 12,000 के सचिन तेंदुलकरी रिकार्ड को यहां तोड़ें। ढिंचिक ढिंचिक।

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  6. क्या मस्त शब्द पकड़ा है!!!!, अपुन बोले तो एकदम झकास!!!!9000 टिप्पणियों के लिए बधाई!!!!अब हम जा रहे है ढिन्चक जी के ठिकाने पर ! प्राइमरी का मास्टर का पीछा करें

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  7. leejiye, hum aapki khayish poori kar dete hain—abbe O, 9000+ke, 10,000 kab poori karega, chal …jaldi jaldi likh..zabandarazi ke liye kshama mangte huwe– hamne to bas aapki iccha poori ki :)

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