हिन्दी, इंगलिश, हिंगलिश!


भाषा रोजगार का वाहक है। मात्र राष्ट्रीय गर्व या सम्प्रेषण की दक्षता के आधार पर भाषा की बात करना गौण है। अन्तत जो नौकरी देगी, वही भाषा प्राथमिकता पायेगी। हिन्दी हार्टलेण्ड (अभी के बीमारू प्रान्त) अन्तत: सम्पन्न होंगे और उनकी सम्पन्नता हिन्दी को व्यवसायिक श्रेष्ठता प्रदान करेगी। एक-डेढ़ दशक का समय लगेगा।   मैं अपने आसपासContinue reading “हिन्दी, इंगलिश, हिंगलिश!”

Design a site like this with WordPress.com
Get started