प्रभुजी, मोहे भुनगा न करो!


insect-fogger प्रभुजी, इत्ती योनियां पार करा कर मानुष तन दियो। प्रभुजी, अब मोहे भुनगा@ न करो!

bug प्रभुजी मोहे प्राइम-मिनिस्टर न बनायो, सांसदी/बिधायकी भी न दिलवायो, नोबल प्राइज क्या, जिल्ला स्तर का शाल-श्रीफल-सवा रुपया न मिल्यो। पर प्रभुजी, मोहे रोल-बैक फ्राम विकासवाद; अब भुनगा न करो!

प्रभुजी, कहो तो पोस्ट ठेलन बन्द करूं। कहो तो सेलिब्रिटी की खड़ताल बजाऊं। मेरो सारो स्तर-अस्तर छीन लो प्रभु; पर मोहे भुनगा न करो!

प्रभुजी किरपा करो। मोहे भुनगा न करो!   


@ लवली कुमारी की “संचिका” ब्लॉग पर पोस्ट देखें:

हम बेचारे भुनगे टाईप ब्लोगर ..कभी स्तरीय लेखन कर ही नही सकते ..


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

36 thoughts on “प्रभुजी, मोहे भुनगा न करो!

  1. बहुत बेहतरीन और सटीक प्रार्थना. भुनगा भी आखिर बहुत ताकतवर होता है. समय आने पर दिखा ही देता है अपना असर. रामराम.

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  2. भुनगा बनने से डरें, कातर करत पुकार .आप रहें भयमुक्त हो, हमरा यही विचार ..हमरा यही विचार, रहें प्रभु राखें जैसे .होकर भी भयमुक्त डरे इस भय से कैसे ?विवेक सिंह यों कहें, याद अब प्रभु की आई ?करम लिखी नाइं मिटै, करौ लाखों चतुराई ..

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  3. हम क्या कहें?नान एलाइण्ड ग्रुप मे तो दूर,नये-नये होने के कारण भुन्गे टाईप ही अभी तो,सिर्फ़ भिनभिना सकते हैं।शानदार पोस्ट्।

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  4. @ सतीश पंचम – जब खेमा-लेस ब्लॉगर अपने को भुनगा टाइप महसूस करे तो ऐसी अरदास ही निकलेगी मन से! सब यहां अपने स्व-आनन्द के लिये लिख रहे हैं और उसमें भी महन्त लोग अपनी झांकी जमाने घुस लिये तो बेचारा नॉन-अलाइण्ड ब्लॉगर प्रभुजी की शरण में ही जायेगा! :)

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  5. पोस्ट एकदम सटीक और मजेदार। धांसू-फांसू-हांसू पोस्ट। भुनगे कहीं आप पर केस न कर दें, कि भुनगा न कीजौ कहकर उनकी मानहानि हुई है आजकल वैसे भी केस फेस का दौर ब्लॉगरों पर चल रहा है :)

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  6. लिजिये इसी में हम भी जोड दे रहे हैं, मुलाहिजा फरमाइयेगा, कि…..ए काली टोपी बैठो, गाने के बीच में चिल्ल पों मत करो…ए सौ ग्राम चढाये बंधु, …बैठों …शुरू कर रहा हूँ….हां …तो ब्लॉगर श्री फेकचंद टेकचंद जी ने ब्लॉगरों पर कानूनी जोडा जामा पहनाने पर प्रभु जी से कहा है….इतना तो करना स्वामी, गर बात मन में अटकेब्लॉगरी धरी हो, नहीं कहने को कोई भटकेइतना तो करना स्वामीगर बात मन में अटके…….उस वक्त जल्दी आना,साथ एग्रीग्रेटर भी लानानहीं टिप्पणी भूल जाना, हो सके तो वैकुंठ से ही ठेल आनागर बात मन में अटकेइतना तो करना स्वामी…… एक ब्लॉगर की है अर्जीआगे तुम्हारी मर्जीकानून का ककहरा पढा रहे हैं दर्जीइतना तो करना स्वामी…जब बात मन मे अटके इतना तो करना स्वामी….. :):)

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