सम्भव है आपने सिसिल जॉन रोड्स (१८५३-१९०२) के बारे में पढ़ रखा हो। वे किम्बर्ले, दक्षिण अफ्रीका के हीरा व्यापारी थे और रोडेशिया (जिम्बाब्वे) नामक देश उन्ही का स्थापित है। शादी न करने वाले श्री रोड्स के नाम पर ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में कॉमनवेल्थ देशों और अमेरिका के विद्यार्थियों के लिये छात्रवृत्ति है और उस छात्रवृत्ति को पाने वाले को रोड्स स्कॉलर कहा जाता है। हमारे श्री गोपालकृष्ण विश्वनाथ के सुपुत्र नकुल रोड्स स्कॉलर हैं।
श्री विश्वनाथ इस पोस्ट के माध्यम से नकुल की आगे की पढ़ाई के बारे में बता रहे हैं।
पिछले साल, अनिता कुमारजी के ब्लॉग पर मैने अपने बेटे नकुल के बारे में लिखा था।
नकुल २००७ के, भारत के पाँच रोड्स स्कॉलर (Rhodes Scholars) में से एक है।
पिछले दो साल से ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय (Oxford University) में पढ़ाई कर रहा है।
अगले महीने उसकी दो साल की पढ़ाई पूरी हो रही है और दो साल के बाद छुट्टियों के लिए घर आ रहा है।
मुझे आप सब मित्रों को यह बताने में अत्यंत हर्ष हो रहा है कि, नकुल को आगे की पढ़ाई के लिए भी, वहीं ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में ही प्रवेश मिल गया है। वह वहां मास्टर्स प्रोग्राम और पी.एच.डी. भी करना चाहता है और उसे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस की दी हुई Clarendon Scholarship भी हासिल हुई है। इसके साथ ब्रिटिश सरकार की दी जा रही ORS (Overseas Student Scholarship) भी मिली है।
ट्यूशन फीस, कॉलेज फीस और रहने का खर्च (लिविंग अलाउंस) भी उसे प्राप्त हो जाएगा। अर्थात मुझे मेरी अपनी जेब से कोई खर्च की आवशयकता नहीं पढ़ेगी।
ये छात्रवृत्तियाँ उसे अपनी योग्यता के कारण मिली हैं और इसके लिए उसे दुनिया भर के उत्तम छात्रों से स्पर्धा करनी पढ़ी है।
मेरी चिंताएं अब दूर हो गई हैं। मेरे अपने करीयर का अंत अब सामने है। भविष्य अगली पीढ़ी का है। ईश्वर की बड़ी कृपा है हम पर कि हमें ऐसा बेटा मिला।
अपनी खुशी आप सब से बाँटना चाहता हूँ, ज्ञानजी के ब्लॉग के माध्यम से।
सबको मेरी शुभकामनाएं
जी विश्वनाथ, जे पी नगर, बेंगळूरु

नकुल की प्रतिभा के विषय मे जानकर अच्छा लगा। नकुल शुभकामनाएं और विश्वनाथ जी को बहुत-बहुत बधाई।
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विश्वास नहीं होता कि आज भी अच्छे जौहरी इस दुनिया में है जिन्हें पूत के पांव पालने में दिखाई दे जाते हैं.उत्तम जानकारी एवं अच्छे संस्कार दाता की लेखनी से अवगत कराने का शुक्रिया.गोपालकृष्ण विश्वनाथ जी और उनके कुलोद्भव चिरंजीव नकुल जी को मेरा सलाम.चन्द्र मोहन गुप्त
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बहुत अच्छा लगता है जब इस तरह की प्रतिभाओं के बारे मे जानने का अवसर मिलता है. क्योंकि इसी से अन्य बच्चे भी मोटीवेटेड होते हैं.चि.नकुल को बहुत शुभकामनाएं और श्री विश्वनाथ जी को बधाई ऐसे पुत्र रत्न की परवरिश पर. आखिर संस्कार और जज्बा तो उन्हि का दिया हुआ है.रामराम.
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मुझे नकुल के बारे में जानकारी पाकर के अच्छा लगा -मेरी तरफ से ढेर सारी बधाई और शुभकामनाएं उन सभी को प्रेषित करें .
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वाह! बधाई! विश्वनाथजी को। शुभकामनायें नकुल को!
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सच मे नकुल चर्चा के लायक है और पढने वाले बच्चो के लिए प्रेरणा श्रोत है . ऐसे बच्चे अपने माँ बाप के साथ अपने देश का भी नाम रोशन करते है
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विश्वनाथ जी को बहुत बहुत बधाई! नकुल के बारे में जान कर अच्छा लगा।
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नकुल जी के बारे में पड़ कर बहुत अच्छा लगा | नकुल और आप सभी को ढेर सारी बधाई और शुभकामनाएं |
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नकुल के बारे में जान कर अच्छा लगा -पिता पुत्र दोनों को ढेर सारी बधाई और शुभकामनाएं !
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जी विश्वनाथ जी के सुपुत्र की मेधा को सलाम । नकुल का परिचय प्रसन्न कर गया ।
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