मैं इण्टर-नेट से लगभग चार दिन दूर रहूंगा।
कभी कभी अन्य जिम्मेदारियां आपको बाकी काम का महत्व ज्यादा होने का अहसास देती हैं। और आप व्यस्तता होने पर पूरी इमानदारी से सरेण्डर कर देते हैं समय को। बीच-बीच में साक्षी भाव लाते हुये। यही सही अप्रोच है न?
खैर यह गोलू पांड़े को सरेण्डर की मुद्रा में देखें। अगले रविवार के बाद मिलते हैं।
Published by Gyan Dutt Pandey
Exploring rural India with a curious lens and a calm heart.
Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges.
Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh.
Writing at - gyandutt.com
— reflections from a life “Beyond Seventy”.
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ज्ञान जी सभी ब्लागर्स ने आपकी चार दिनी छुट्टी की अर्जी स्वीकार कर ली है सभी ने गोलू पांडे की समर्पण मुद्रा एवं समर्पण भाव की तहे दिल से सराहना की है
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आपका कार्य सफल हो ! कभी-कभी हर तरह के काम से अवकाश लेना चाहिए फिर ये तो ब्लॉग्गिंग है :)
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शुभ्कामन्याएं !
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Shubhkamnayen…kary niptakar jaldi aaiye..
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kaafi samay baad blog jagat main sakriya hue to aap ne surrender kar liya……chaliye intzaar karne ke alawa koi chaara bhi nahi hai…:(
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इस गोलू पांडॆज की मुद्रा बहुत पसंद आई, आप का अवकाश बहुत शुभ हो
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गोलू पांडे हमारे चापलूसी करने वाले नेताओं के आदर्श हैं…जय हो.नीरज
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हम इंतजार करेंगे।-Zakir Ali ‘Rajnish’ { Secretary-TSALIIM & SBAI }
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गोलू पांडे सरेंडर की मुद्रा मे नही हैं बल्कि मस्ती की मुद्रा मे है.:) आप भी छुट्टी मना आईये, आपकी यात्रा शुभ हो. और जिस जरुरी कार्य के लिये आपने ब्लागिंग से चार दिन की छुट्टी ली है उस कार्य मे आपको सफ़लता प्राप्त हो. शुभकामनाएं.रामराम.
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ऐसा लगता है जुदाई का गम आपको है पर गोलू मियां खुश नजर आ रहे है…..
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