चौबीस घण्टे में चढ़ीं गंगाजी


चौबीस घण्टे में जलराशि बहुत बढ़ी गंगाजी में। आज हरतालिका तीज के बाद गौरी विसर्जन को बहुत सी स्त्रियां जा-आ रही थीं घाट पर। कल के दिन निर्जला व्रत करने वाली महिलाओं पर आज गंगामाई का वात्सल्य स्पष्ट दिखा। वे और समीप आ गयीं। रेत में कम चलना पड़ा महिलाओं को।

कल गंगा जी का पानी शांत मन्थर था। आज वेग ज्यादा है। कल बहती जलकुम्भी नहीं थी। आज पूरा विस्तार जलकुम्भी से भरा है। कहीं से बड़ी मात्रा में जलकुम्भी तोड़ बहाये लिये जा रही हैं गंगा माई। और इस पार से उसपार जलकुम्भी ही दिख रही है।

आप कल (बायें) और आज के चित्र देखें – तुलना करने को।

Ganges 23 aug Ganges 24 aug1

और यह है जल कुम्भी का बहाव (वीडियो छ सेकेण्ड का है) –

Ganges 24aug2

(स्थान – शिवकुटी घाट, इलाहाबाद)


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring village life. Past - managed train operations of IRlys in various senior posts. Spent idle time at River Ganges. Now reverse migrated to a village Vikrampur (Katka), Bhadohi, UP. Blog: https://gyandutt.com/ Facebook, Instagram and Twitter IDs: gyandutt Facebook Page: gyanfb

30 thoughts on “चौबीस घण्टे में चढ़ीं गंगाजी

  1. जय् हो। अरे ज्ञानजी आप समीरलालजी की सलाह कत्तई न मानियेगा। कैमरा-फ़ैमरा वाली बात मती लिखियेगा। ये आपसे बहाने से मौज ले रहे हैं। हम बता दिये। फ़िर न कहियेगा कोई बताइस नहीं!

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  2. धन्य है आपका केमरा जैसा भी है जो भी है उसकी बदौलत हम भी इत्ती दूर बैठे गंगा मईया के दर्शन कर लेते हैं…नीरज

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  3. इलाहाबाद में तो गंगा मैया के दर्शन केवल एक बार हुआ है किन्तु हरिद्वार कई बार जाना हुआ है। वहाँ गंगा मैया का प्रवाह देखते ही बनता है!

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  4. आपके इस पोस्ट और जलखुंभी के बारे में पढ़कर बचपन का लखनदेई नदी याद हो आया.. जो बिहार के सीतामढ़ी जिले से होकर गुजरती है.. बचपन में(लगभग 9 साल की उम्र तक) उस नदी में अक्सर जलखुंभी देखता रहा था मैं.. 🙂

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  5. गंगा मैया धर्म का ख्याल रख कर ही तो श्रद्धालुओं के हित में बढ़ रही हैं, वर्ना उन्हों ने व्यवसाइयों के कुकर्मों से त्रस्त होकर सिकुड़ने का मन तो बना ही लिया था.सुन्दर और मनमोहक चित्रों ने गंगा मैया का साक्षात् दर्शन करा ही दिया.आपको हार्दिक धन्यवाद, इस पुण्य कर्म के लिए.

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  6. गंगा मैया को विसर्जन के प्रदूषण से बचाने का समय आ गया है। गौरी विसर्जन के बाद गणेशजी जो बाट जो रहे हैं:)

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  7. गंगाजी का बहाव बढना सुखद है और आपकी रिपोर्टिंग की वजह से गंगा माई के दर्शन हो रहे हैं इसके पुण्य के आप भी भागीदार हैं.रामराम.

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