हनुमान जी अपने मन्दिर में ही थे। लगता है देर रात लखनऊ से लौट आये होंगे पसीजर से। लखनऊ जरूर गये होंगे फैसला सुनने। लौटे पसीजर से ही होंगे; बस में तो कण्डक्टर बिना टिकट बैठने नहीं देता न! सूर्जोदय हो रहा था। पहले गंगा के पानी पर धूमिल फिर क्या गजब चटक लाल।Continue reading “नयी सुबह”
