महिषासुर


काफी समय हुआ जब देखा था कि विसर्जित देवी प्रतिमा का एक अंश गंगा नदी के किनारे पड़ा था। विसर्जन में यह धारा में बह नहीं पाया था। और घाट पर मारा मारा फिर रहा था। अनुमान था कि इसका उपयोग जवाहिरलाल कभी न अभी अलाव जलाने में कर लेगा। पर वैसा हुआ नहीं। कछारContinue reading “महिषासुर”

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