पिछले सप्ताह इलाहाबाद गया था। शिवकुटी। गंगा किनारे तो नहीं गया, पर गड्डी गुरु (वीरेंद्र वर्मा) को मेरे आने का पता चला था तो मिलने चले आये थे घर पर। गड्डी गुरू से ही पता चला बाकी लोगों के बारे में – वे जो मेरे नित्य के कछार भ्रमण के साथी थे। रावत जी कहीं बाहरContinue reading “जवाहिर लाल नहीं रहा!”
