सभाजीत मिश्र का आतिथ्य


गंगा किनारे मिल गए सभाजीत। एक बांस ले कर आए थे। घर में मनौती है गंगा जी को आरपार की माला चढ़ाने की। उसके लिए किनारे पर यह बांस गाड़ा जाएगा. उससे एक रस्सी ले कर नाव में निकलेंगे उत्सव मनाते परिवार के लोग। रस्सी में कुछ कुछ अन्तराल में आम की टेरी और फूलContinue reading “सभाजीत मिश्र का आतिथ्य”

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