… लगता है कि (कम से कम ग्रामीण समाज में) गांजा को एक सीमा तक रिस्पेक्ट प्राप्त है, जो बीड़ी, खैनी या तंबाखू को नहीं…
Monthly Archives: Sep 2019
मोकालू गुरू का चपन्त चलऊआ- पोस्ट पर री विजिट
भूत प्रेत, चुड़ैल, ओझा, सोखा का स्पेस गांव के जीवन में, मोबाइल और स्मार्ट फोन के युग में अभी भी है और उनका महत्व कम नहीं हुआ है.
अपने ब्लॉग, मानसिक हलचल, पर सोच विचार
वैसे मैं ब्लॉग पर ट्रैफिक के आंकड़े देखता हूं तो पाता हूँ कि हिन्दी ब्लॉगिंग के स्वर्णिम (?) काल की बजाय आज उसपर आने वालों की संख्या दैनिक आधार पर तिगुनी है. लोग टिप्पणियाँ नहीं (या बहुत कम) कर रहे हैं, पर पढ़ने वाले पहले से ज्यादा हैं.
अतिवृष्टि की सुबह, अस्पताल में
क्वार महीने का आधा खतम हो रहा है. कल अमावस्या है. कल श्राद्ध पक्ष समाप्त हो जाएगा. परसों नवरात्र प्रारंभ होगा. पर इस समय इतनी तेज बारिश पहले किसी साल हुई हो, याद नहीं पड़ता….
आत्माराम तिवारी की अस्पताल के एमरजेंसी वार्ड में उड़द और गाय की चिंता
अशक्त, कूल्हे की हड्डी जोड़ने का ऑपरेशन कराए एमरजेंसी वार्ड में लेटे चौरासी वर्षीय पंडित आत्माराम तिवारी का मन गांव देहात, घर, उड़द और गाय में घूम रहा है. उन्हें एक बंधुआ श्रोता चाहिए पर लोग पगहा छुड़ा भागते हैं.
24 सितंबर, पुष्य नक्षत्र, स्वर्ण प्राशन
मेरी पोती पद्मजा (चिन्ना) पांड़े ने भी कल पहली बार स्वर्ण प्राशन किया. उसके अनुसार डाक्टर अंकल बहुत अच्छे हैं, कोई सूई नहीं लगाई .