पोरबंदर – सौराष्ट्र का आतिथ्य


वैसे भी तीन दिन उनके पोरबंदर प्रवास के हैं। कांवर यात्रा उसके बाद ही होगी। अभी तो प्रेमसागर लोगों के भाव और श्रद्धा के सागर में तैरती कठपुतली हैं। खूब आनंद से तैरती कठपुतली। सौराष्ट्र के भाव समुद्र में जब भगवान भी अपना स्वर्ग भूल जाते हैं तो प्रेमसागर को उसका आनंद लेने दिया जाये।

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