साकार होता गड़ौली धाम


आसपास गांवों घूमते हुये लोगों से बातचीत में उनकी अपेक्षायें, आशंकायें और (सहज) ईर्ष्या, परनिंदा और छुद्र कुटिलता के भी दर्शन हुये। पर सभी यह जरूर समझ रहे थे कि कुछ अनूठा होने जा रहा है, जो इस अलसाये ग्रामीण परिवेश में अत्यधिक बदलाव लायेगा।

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