प्रेमसागर जुट गये हैं गायों, वृद्धों और विकलांग बच्चों बारे में कुछ करने के लिये। एक कांवरिया का यह रूपांतरण मुझे आकर्षित भी करता है और उस प्रयास के प्रति आशंका भी देता है …
भारतीय रेल का पूर्व विभागाध्यक्ष, अब साइकिल से चलता गाँव का निवासी। गंगा किनारे रहते हुए जीवन को नये नज़रिये से देखता हूँ। सत्तर की उम्र में भी सीखने और साझा करने की यात्रा जारी है।
प्रेमसागर जुट गये हैं गायों, वृद्धों और विकलांग बच्चों बारे में कुछ करने के लिये। एक कांवरिया का यह रूपांतरण मुझे आकर्षित भी करता है और उस प्रयास के प्रति आशंका भी देता है …